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    योजनाओं में शामिल निजी और सरकारी जमीनों के खसरों का होगा बटांकन

  • September 01, 2022

    50-50 फीसदी जमीनें प्राधिकरण और भूधारकों के नाम करना है, आज बोर्ड बैठक में कलेक्टर के पत्र पर होगी चर्चा, राजस्व अमला बैठेगा प्राधिकरण दफ्तर में

    इंदौर। प्राधिकरण द्वारा 1732 एकड़ की पांच योजनाओं पर इन दिनों काम किया जा रहा है, जो टीपीएस के तहत घोषित की गई। हालांकि इसमें से टीपीएस-4 पर हाईकोर्ट ने फिलहाल रोक लगा रखी है। लैंड पुलिंग एक्ट के तहत चूंकि 50 फीसदी जमीन वापस उसके मालिक को लौटानी है, लिहाजा राजस्व रिकॉर्डों में उसकी प्रविष्ठि करना होगी, ताकि भविष्य में मालकियत को लेकर विवाद न हों। चूंकि यह कवायद पहली बार की जा रही है, लिहाजा प्राधिकरण ने अहमदाबाद, सूरत में लैंड पुलिंग एक्ट के तहत की गई प्रक्रिया की भी जानकारी ली। वहीं कलेक्टर मनीष सिंह ने भी राजस्व अभिलेखों में सर्वेक्षण के आधार पर किए जाने वाले सुधारों के संबंध में पत्र लिखा है। आज प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में खसरा, बटांकन से लेकर अन्य पर चर्चा होना है। पटवारी, राजस्व निरीक्षक, तहसीलदार से लेकर एसडीओ का राजस्व अमला भी इसके लिए प्राधिकरण दफ्तर में बैठेगा।


    अभी तक इंदौर विकास प्राधिकरण अपनी जो भी योजनाएं घोषित करता था उनमें भू-अर्जन के अलावा आवास नीति के तहत 20 फीसदी विकसित भूखंड जमीन मालिकों को दिए जाते रहे हैं। अनुबंध के जरिए यह प्रक्रिया की जाती थी, मगर अब लैंड पुलिंग एक्ट लागू होने के बाद प्राधिकरण टीपीएस के तहत योजनाएं घोषित कर रहा है। पिछले दिनों शासन ने जिन टीपीएस योजनाओं को मंजूरी दी उस पर निर्धारित 6 माह की समय सीमा में प्राधिकरण को निर्णय लेना है। लिहाजा टीपीएस-1, 3, 5, 8 पर काम चल रहा है। 600 से अधिक आपत्तियों की सुनवाई की प्रक्रिया भी प्राधिकरण ने पिछले दिनों सम्पन्न कर ली है। नए एक्ट के मुताबिक योजना में शामिल निजी जमीनों में से आधी यानी 50 फीसदी वापस लौटाई जाना है। मगर परेशानी यह आ रही है कि एक ही खसरे में सरकारी, निजी व अन्य जमीनें आ रही है। लिहाजा भविष्य में मालकियत का विवाद न हो इसलिए एक-एक खसरे में मौजूद जमीनों का बटांकन भी करना पड़ेगा। तीन दिन पहले कलेक्टर मनीष सिंह ने प्राधिकरण दफ्तर जाकर इस काम को किस तरह किया जा सकता है उसको लेकर चर्चा की और अपने एसडीएम सहित अन्य राजस्व अमले को भी प्राधिकरण भिजवाया। मल्हारगंज, जूनी इंदौर, कनाडिय़ा के अनुविभागीय अधिकारी और तहसीलदार को टीपीएस-1, 3, 5, 8 के सर्वेक्षण अभिलेखों के आधार पर राजस्व अभिलेखों में सुधार करने को कहा। इन टीपीएस योजनाओं का नगर तथा ग्राम निवेश अधिनियम 1973 की धारा 50 (11) के तहत 27.04.2022 को प्रकाशन हुआ था और गजट नोटिफिकेशन के बाद 6 माह की समयावधि में राजस्व रिकॉर्डों को संशोधित किया जाना जरूरी है। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह ने टीपीएस में शामिल गांवों की सूची और दस्तावेज हासिल करने, राजस्व निरीक्षक व पटवारियों के साथ सुक्ष्मता से अध्ययन करने और हर तय किए गए प्लॉट में सम्मिलित खसरे की प्रविष्टि करने के निर्देश अपने अमले को दिए। साथ ही प्राधिकरण के भू-अर्जन, प्लानिंग शाखा के अधिकारियों-कर्मारियों को भी कहा कि वे साथ में बैठकर यह कवायद पूरी करवाएं। आज प्राधिकरण की बोर्ड बैठक भी ताबड़तोड़ आयोजित की गई। 10 बजे से होने वाली इस बोर्ड बैठक में इस मुद्दे के अलावा पिछले दिनों हाईकोर्ट द्वारा आवास नीति के तहत पारित किए गए आदेश, इलेक्टीफिकेशन के दो टेंडरों के अलावा अन्य कुछ प्रस्तावों पर भी चर्चा कर निर्णय लिए जाएंगे।

    मेट्रो ने मांगी विजय नगर बस स्टैंड की जमीन

    मेट्रो रेल कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा इंदौर और भोपाल में मेट्रो प्रोजेक्ट अमल में लाया जा रहा है। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त और प्रभारी एमडी मेट्रो निकुंज श्रीवास्तव आज इंदौर भी आए हैं और चल रहे मेट्रो कार्य की समीक्षा भी करेंगे। वहीं प्राधिकरण बोर्ड बैठक में विजय नगर बस स्टैंड की लगभग पौने तीन लाख स्क्वेयर फीट बस स्टैंड के लिए ही आरक्षित जमीन मेट्रो कार्पोरेशन ने मांगी है। हालांकि प्राधिकरण कुछ समय पूर्व शासन को यह प्रस्ताव भेज चुका है कि इस जमीन का भी भू-उपयोग वाणिज्यिक कर दिया जाए, ताकि इससे लगी हुई पूर्व में वाणिज्यिक की गई जमीन के साथ ही पूरी 9 एकड़ जमीन को वाणिज्यिक कर अगर बेच दिया जाए तो प्राधिकरण को एक बड़ी राशि शहर विकास के लिए प्राप्त हो सकती है।

    अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पुल के संचालन पर भी लेना है फैसला

    प्राधिकरण ने पिपल्याहाना में अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पुल और इंडोर स्टेडियम का निर्माण किया है। पिछले कई समय से ये निर्माण चल रहे हैं और अंतर्राष्ट्रीय स्वीमिंग पुल लगभग तैयार हो गया है। प्राधिकरण अध्यक्ष जयपालसिंह चांवड़ा के मुताबिक स्वीमिंग पुल का संचालन बेहतर तरीके से हो सके इसके लिए खेल संगठनों या तैरागी से जुड़े संगठनों को इसकी जिम्मेदारी दी जा सकती है। लिहाजा संचालन की एजेंसी तय करने की प्रक्रिया, टेंडर सहित अन्य कुछ निर्णय आज की बोर्ड बैठक में लिए जाना है।

    67 करोड़ के सिक्स लेन ओवरब्रिज का भूमिपूजन भी

    प्राधिकरण की पिछली बोर्ड बैठक में तीन ओवरब्रिजों के टेंडरों को मंजूरी दी गई थी, उनमें से एक लवकुश चौराहा के सिक्स लेन ओवरब्रिज का भूमिपूजन कल मुख्यमंत्री शिवराज करेंगे। 67 करोड़ की लागत से यह ब्रिज बनेगा, जिससे यातायात सुगम तो होगा ही, वहीं उज्जैन, सुपर कॉरिडोर, एमआर-10 सहित बाणगंगा की तरफ जाने वाले यातायात भी व्यवस्थित होगा। यह शहर का पहला सिक्स लेन ओवरब्रिज रहेगा। प्राधिकरण अध्यक्ष श्री चांवड़ा के मुताबिक भंवरकुआ और खजराना ब्रिज का काम भी जल्द शुरू होगा।

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