बीना (राजेश जैन)। जो पहले कांग्रेस में होता था वह अब भाजपा में दिखाई दे रहा है क्योंकि भाजपा अब धीरे धीरे कांग्रेसमयी होती जा रही है। ऐसे में कांग्रेस की परंपराएं और गुटबाजी अब भाजपा में भी सतही तौर पर दिखाई देने लगी है। भाजपा में 15 वार्डों के टिकट वितरण और लगभग 8 वार्डों में नाम फाइनल होने की स्थिति के बाद भाजपाईयों में आक्रोश है और कई भाजपाई निर्विरोध चुनाव लडऩे का मन बना रहे हैं। विधायक और जिलाध्यक्ष ने अपने अपने चहेतों को टिकट बांट दिए हैं लेकिन दो पूर्व विधायकों की झोली में एक भी टिकट नहीं आने से वार्डों में अंतरविरोध नजर आने लगे हैं।
विधायक और जिलाध्यक्ष की गणेश परिक्रमा नहीं आई काम
सूत्रों की यदि माने तो भाजपा गाइड लाइन की पूरी तरह से धज्जियां उड़ाकर रख दी गई हैं, जहां पार्टी के कई पदाधिकारियों और उनके परिजनों को टिकट आवंटित कर दिए गए हैं ऐसे में कई वर्षों से विधायक और जिलाध्यक्ष की गणेश परिक्रमा करने वाले कई पुराने और वरिष्ठ नेताओं को टिकट नहीं दिए जा रहे हैं और यह गणेश परिक्रमा उनके काम नहीं आ रही है। इस वजह से इन नेताओं में असंतोष की लहर देखी जा रही है।
कैथोरिया और सीरोठिया आगे : विधायक पीछे
पार्टी गाइड लाइन के विपरीत जहां भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और वर्तमान विधायक महेश राय के विरुद्ध कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव लड़ चुके सिंधिया समर्थक शशि कैथोरिया अपने परिजन सौरभ कैथोरिया को टिकट दिलाने में कामयाब हो गए हैं वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष गौरव सीरोठिया ने भी अपने समर्थक भाजपा मंडल अध्यक्ष शुभम तिवारी की मां श्रीमति शशि तिवारी को टिकट दिलाने में सफल रहे हैं जबकि विधायक अपने समर्थकों को उस मात्रा में टिकट नहीं दिला पाए हैं जिस मात्रा की उन्हें उम्मीद थी। ऐसे में भाजपा के अन्य पदाधिकारी अभिषेक लिटौरिया, विमल अहिरवार, नंदकिशोर अहिरवार, भारती राय, प्रीति लखेरा आदि सहित लगभग दर्जन भर पदाधिकारी नेताओं में असंतोष देखा जा रहा है।
गाइड लाइन के परे टिकट वितरण पर विधायक ने भी उठाए सवाल
पहली बार भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी में टिकट वितरण से नाखुश नेता बड़ी संख्या में प्रबल विरोध को दर्ज करा ही रहे हैं इस विरोध में स्वयं भाजपा विधायक महेश राय के भी शामिल होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
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