नई दिल्ली । हैदराबाद (Hyderabad)के आखिरी निजाम मुकर्रम जाह (The last Nizam Mukarram Jah)का पिछले ही साल इंस्तांबुल में इंतकाल (Death in Istanbul)हो गया था। हैदराबाद के निजाम (Nizam of Hyderabad)के पास इतनी संपत्ति हुआ करती थी कि कहा जाता था वह धऱती के सबसे अमीर शख्स हैं। देश की आजादी के वक्त निजाम ओसमान अली खान थे। उस समय उनकी नेट वर्थ 17.47 लाख करोड़ यानी 230 बिलियन डॉलर आंकी गई थी। इस संपत्ति को लेकर विवाद अब भी चल रहा है। निजाम के परिवार के लोग अब हजाररों करोड़ की संपत्ति को लेकर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।
इस कानून लड़ाई में मुख्य रूप से प्रिंस मुकर्रम जह के बच्चे, मीर ओसमान अली खान के पोते, निजाम VII और आसफ जही के आखिरी शासक शामिल हैं। इसके अलावा निजाम प्रथम से लेकर सातवें तक के वंशज भी इस कानून लड़ाई में शामिल हैं। हाल ही में मुकर्रम जह के दूसरे बेटे अलेग्जेंडर आजम जह ने हैदराबाद सिटी सिविल कोर्ट में रिट पिटिशन फाइल करके निजाम की चल और संपत्ति में 2/6वें हिस्से का दावा किया है।
आजम जह ने 6 संपत्तियों में अपने हिस्से की मांग की है। इनमें हैदराबाद स्थित फलकनुमा महल, चौमहल्ला महल, चिरान फोर्ट, पुरानी हवेली, नाजरी बाग महल शामिल हैं। इसके अलावा ऊटी में बने सेदार पैलेस में भी हिस्सा मांगा गया है। इसके अलावा नायाब कलाकृतियों, फारसी दरी, पेंटिंग, झाड़ फानूस, संगमरमर की मूर्तियां, पुरानी रोल्स रॉयस कारों, तलवार, बंदूक और आभूषणों पर भी दावा किया गया है।
आजम शाह का कहना है कि इन संपत्तियों की कीमत करीब 1,276 करोड़ रुपये होगी। आजम जह का कहना है कि इन संपत्तियों में वह 2/6 के हकदार हैं। आजम जह फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। वह मुकर्रम जह के दूसरी पत्नी हेलेन आयेशा जह के बेटे हैं। वहीं अजमद जह मुकर्रम जह के बसे बड़े बेटे हैं। अजमद जह एक फिल्ममेकर, प्रोफेशनल फोटोग्राफर, सिनेमेटोग्राफर हैं और अब लंदन में रहने लगे हैं। मुकर्रम जह के तुर्की में निधन के बाद अजमद जह उनके पार्थिव शरीर के साथ हैदराबाद आए थे और उनकी अंतिम क्रिया करवाई थी।
आजम जह ने दावा किया था कि उन्हें वीजा नहीं मिला इस वजह से वह हैदराबाद नहीं आ सके। उनका कहना है कि उनके बड़े भाई अजमत जह और उनकी मां एसरा येगाने ही सारी संपत्ति पर कब्जा करना चाहती हैं और फिर बहुत सारी संपत्ति बेच देना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि उनके पिता ने चार अन्य महिलाओं से भी शादी की थी। इसमें अजमत जह की मां एसरा, आयेशा और अन्य से तलाक हो गया था। उन्हें मेहर का वादा किया गया था जो कि मिल नहीं पाया। आजम जह ने कहा कि अब वे भी संपत्ति में हिस्से की मांग कर रही हैं।
कितनी थी निजाम की संपत्ति
17 सितंबर 1948 को जब निजाम ओसमान अली खान ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया तो उनके पास 230 बिलयन डॉलर की संपत्ति थी। उनके दो बेटे थे, मीर आजम जह और मीर मोअज्जम जह। इसके अलावा उन्होंने संपत्ति में पोते मुकर्रम जह को भी हिस्सा दिया था जो कि आजम जह के बेटे थे। उन्हें निजाम आठवें का दर्जा दिया गया था। 1967 में दादा की मौत के बाद मुकर्रम जह को ही निजाम आठवां माना गया। अब जब मुकर्रम जह को ही उत्तराधिकारी बनाया गया था तो संपत्ति पर अधिकारी भी उनका ही बनता था। हालांकि मुकर्रम जह ऑस्ट्रेलिया चले गए। वहां उन्होंने खूब अय्याशी की लेकिन भारत में अपने पूर्वजों की संप्तित पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया।
वह हैदराबाद आते थे तो चिरान महल में रुकते थे। निजाम के हैदराबाद के 6 महलों के अलावा पूरे भारत में संपत्तियां हैं। अब इन संपत्तियों की लड़ाई सिर्फ आजम जह और उनके भाई अजमत जह के बीच नहीं है बल्कि आसफ जही राजवंश के अन्य वंशजों के बीच भी हैं। इसमें निजम छठे के पड़पोते रौनक यार खान, मीर महबूब अली खान जिन्हें निजाम नौवें के रूप में चुना गया है। वह अजमत शाह की ताजपोशी का विरोध कर रहे हैं। निजाम प्रथम से निजाम छठे तक आसफ जही राजवंश के 4500 वंशज हैं। इनमें से 2800 जीवित हैं और उन्होंने मजलिस-ए-साहेबजदां सोसाइटी बनाई है। वे निजाम 9वें के लिए दावा कर रहे हैं। इसके अलावा निजाम ातवें मीर ओसमान अली खान के 24 और वंशज हैं।
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