जांजगीर। छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चाम्पा (Janjgir-Champa) जिले के बाराद्वार बस्ती अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। यहां मुक्तिधाम में शव जलाने (Burning dead bodies in Muktidham) को लेकर दो पक्ष आपस में विवाद करने लगे। एक पक्ष ने मौके पर पहुंचकर आपत्ति जताते हुए जलती चिता (burning pyre) से शव को खींचकर बाहर निकाल दिया। इसके बाद दूसरे पक्ष ने शव सड़क पर रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया और दोषियों पर कार्रवाई की मांग करने लगे। विवाद इतना बढ़ गया कि पुलिस को भी कार्यवाई करने पड़ी।
बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में एक युवक के अंतिम संस्कार को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। युवक के परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने सरपंच समेत आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के बस्ती बाराद्वार गांव में युवक प्रदीप पाटले की मृत्यु के बाद उसके अंतिम संस्कार स्थल को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया। घटना के बाद पुलिस ने युवक के परिजनों की शिकायत पर आठ लोगों- जगदीश उरांव, अमृत उरांव, राजकुमार उरांव, विश्राम उरांव, सहदेव उरांव, सिपाही लाल उरांव, उमाशंकर उरांव और कमलेश उरांव को गिरफ्तार कर लिया है।
प्रदीप के परिजनों ने पुलिस को बताया कि ग्रामीणों ने आपत्ति जताई कि मुक्तिधाम उनके समाज का है इसलिए वे अन्य लोगों को वहां अंतिम संस्कार की अनुमति नहीं देंगे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घटना के बाद प्रदीप के परिजन थाने पहुंचे और अंतिम संस्कार के दौरान विरोध करने वाले ग्रामीणों के खिलाफ मामला दर्ज कराया। वहीं ग्रामीणों के एक वर्ग ने गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया और दाह संस्कार में बाधा डालने वालों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सड़क जाम कर दिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सरपंच जगदीश उरांव सहित आठ लोगों को बाद में भारतीय दंड संहिता की धारा 147 (दंगा) और 297 (दफन स्थानों पर अतिक्रमण) के तहत गिरफ्तार किया गया और शव का अंतिम संस्कार कराया। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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