रांची । झारखंड (Jharkhand)में सत्तारूढ़ INDIA गठबंधन (INDIA ALLIANCE)के सहयोगी दल आगामी विधानसभा चुनावों (assembly elections)में प्रदेश की तीन विधानसभा सीटों (Assembly seats)पर दोस्ताना लड़ाई के लिए तैयार(Ready for a friendly fight) हैं । INDIA के नेताओं ने शनिवार को इस बात की जानकारी दी। नेताओं ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन (भाकपा-माले) ने धनवार विधानसभा सीट पर दोस्ताना मुकाबले का मन बना लिया है, जबकि छतरपुर और बिश्रामपुर में कांग्रेस तथा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अब भी एक-दूसरे से टकराने से बचने की कोशिशों में जुटे हैं।
झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान दो चरणों में 13 और 20 नवंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। झारखंड विधानसभा चुनाव के दोनों चरणों के लिए नामांकन वापस लेने की प्रक्रिया समाप्त होने के बाद 1,211 उम्मीदवार मैदान में हैं। झामुमो ने 43, कांग्रेस ने 30, राजद ने 6 और भाकपा-माले ने 4 सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
झामुमो महासचिव विनोद पांडेय ने संवाददाताओं से कहा, ‘झामुमो, कांग्रेस, भाकपा-माले और राजद झारखंड में ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। धनवार, छतरपुर और बिश्रामपुर को छोड़कर बाकी सभी सीटों को लेकर गठबंधन सहयोगियों के बीच सीट-बंटवारे समझौते पर सहमति बन गई है। झामुमो ने धनवार में भाकपा-माले के साथ दोस्ताना मुकाबला लड़ने का फैसला किया है।’
पांडेय ने बताया कि छतरपुर और बिश्रामपुर में राजद और कांग्रेस दोनों ने अपने-अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं। उन्होंने कहा, ‘दोनों सीटों से जुड़े मुद्दा सुलझाने के लिए बातचीत जारी है। हमें एक-दो दिन में निष्कर्ष निकलने की उम्मीद है।’
पांडेय के मुताबिक, ‘इंडिया’ गठबंधन के तहत राजद को छह और भाकपा-माले को तीन सीटें दी गई थीं। कांग्रेस की झारखंड इकाई के अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने कहा कि वे मिलकर चुनाव लड़ेंगे और राज्य में फिर से ‘इंडिया’ गठबंधन की सरकार बनाएंगे। INDIA गठबंधन ने अभी आधिकारिक तौर पर अपने सीट-बंटवारे समझौते की घोषणा नहीं की है।
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 19 अक्टूबर को बताया था कि INDIA गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ेगा और कांग्रेस व झामुमो 81 में से 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगी। उन्होंने कहा था कि बाकी 11 सीटें राजद और वाम दलों के लिए छोड़ी गई हैं।
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