इंदौर। 2000 की आबादी वाले बालोदा गांव में घर-घर शादी जैसा उत्साह नजर आ रहा है। दो दशक के बाद गांव गैर माता (शीतला माता) पूजन हो रहा है। गांव में हजारों लोगों की आवाजाही 3 दिनों से बनी हुई है। उत्साह और श्रद्धा के साथ हर कोई स्वागत सत्कार में लगा हुआ है। बालोदा टाकुन में गांव के हर घर मेहमानों की अगुवाई चल रही है। शीतला माता पूजन तकरीबन 19 सालों के बाद यहां पर आयोजित हो रहा है, जिसके चलते हर घर में मेहमानों का डेरा लगा हुआ है।
तीन दिनों से ग्रामीण मेहमानों की अगवानी कर रहे हैं। गांव के पटेल कृष्णपाल सिंह तोमर ने गुरुवार को पहले पूजन अर्चन किया। इसके बाद ग्रामीणों ने पूजा की। दो हजार की आबादी वाले इस गांव में जिधर देखो उधर मेहमानों का आवागमन हजारों की संख्या में हो रहा है। रोग व ऋण मुक्ति व बेहतर फसल की कामना के साथ ग्रामीण शीतला माता का पूजन उत्साह के साथ कर रहे हैं। ग्रामीणों ने सामूहिक पूजन के लिए पहले से तैयारियां कर रखी थीं। घर-घर तोरण बंदनवार के साथ मेहमानों की आवभगत करने के लिए हर कोई उतावला दिख रहा है।
एक नई पीढ़ी का आगमन, युवाओं में उत्साह
लंबे अरसे के बाद एक नई पीढ़ी तैयार हो गई है जो माता पूजन में दुगना उत्साह दिखा रही है। बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि 2004 में गांव गैर माता का पूजन किया गया था, तब से लेकर अब तक युवाओं की एक नई पीढ़ी तैयार हो गई है। नए बच्चे उत्साह के साथ माता पूजन में शामिल तो हो ही रहे हैं, साथ ही मेहमानों की आवभगत भी हो रही है। वहीं गांव में पहुंच रहे रिश्तेदार और परिजन भी ग्रामीणों की आवभगत से खुश नजर आ रहे हैं। आसपास के एक दर्जन गांवों में भी यहां के माहौल को देखते हुए माता पूजन पर विचार-विमर्श चल रहा है। सामाजिक समरसता के साथ सभी समाज के लोग एक नया माहौल तैयार कर रहे हैं।
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