इंदौर, प्रदीप मिश्रा। आखिरकार, सरकारी कैंसर अस्पताल के तलघर में पानी भरने की 20 साल पुरानी बीमारी का इलाज कर दिया गया है। अब प्लास्टर, वॉल वाटर प्रूफिंग, आरसीसी, कलर पेंट सहित रिनोवेशन और बिजली फिटिंग का काम पूरा होते ही इसे कैंसर हॉस्पिटल के लिए उपयोगी बना दिया जाएगा। इसके बाद बेसमेंट में कैंसर हॉस्पिटल के लगभग 6 विभाग शुरू हो सकेंगे। लगभग 85 लाख रुपए की कार्ययोजना के अनुसार कैंसर हॉस्पिटल को 20 साल पुरानी तलघर में भरे पानी की समस्या से निजात दिलाने के अलावा, वाटर प्रूफिंग, न्यू प्लास्टर, आरसीसी, वॉल पेंट, कलर लाइट के लिए 2 माह पहले कार्य शुरू किया गया था। बेसमेंट को पानी की समस्या से मुक्त करने का समाधान कर लिया गया है। अब दूसरे अन्य कार्यों की शुरुआत हो गई है।
बीस साल लग गए सही इलाज ढूंढने में
लगभग 20 साल पहले यानि तलघर में पानी आने यानि रिसने की समस्या शुरू हुई थी। इस समस्या के हल के लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इन सालों में कई विभागों की मदद ली, मगर कोई भी इसका स्थायी समाधान नहीं ढूंढ पाया, क्योंकि लाख कोशिशों के बावजूद बेसमेंट में पानी कहां से आ रहा है, यह कोई भी पता नहीं लगा पाया। आखिरकार पानी कहां से आ रहा है, उसका स्रोत ढूंढने की बजाय अब पानी को कैसे निकाला जाए, इस प्लानिंग पर जोर दिया गया और इस तरह समस्या का स्थायी समाधान सम्भव हो पाया।
लगभग 85 लाख रुपए में कायाकल्प
मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार तत्कालीन संभागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा के निर्देश और मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुरोध पर आईडीए ने बेसमेंट से पानी निकालने, इसे हॉस्पिटल के लिए उपयोगी बनाने के लिए 85 लाख रुपए की कार्ययोजना बनाई थी, जिसमें 18 प्रतिशत जीएसटी भी शामिल था। वर्कआर्डर के अनुसार लगभग 3 माह पहले इस योजना पर काम शुरू कर दिया। यह काम लगभग 3 माह तक और जारी रहेगा, यानि नए साल 2024 वित्तीय वर्ष खत्म होने के पहले यह काम कम्प्लीट हो जाएगा
बावड़ी हादसे से सहम गया था प्रशासन
पिछले मार्च माह में रामनवमी पर शहर में हुए बावड़ी हादसे ने पूरे शहर सहित प्रशासन को हिला कर रख दिया था। इसके बाद तत्कालीन सम्भागायुक्त डॉक्टर पवन शर्मा के निर्देशन में युद्धस्तर पर तत्काल पुख्ता योजना बनाई गई। 20 साल से पानी में खड़े कैंसर अस्पताल की इस समस्या के समाधान के लिए, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम सहित एसजीएसआईटीएस इंजीयनियरिंग कॉलेज की मदद ली गई। आखिरकार बेसमेंट में पानी की समस्या हल करने और इसे हॉस्पिटल के लिए दोबारा उपयोगी बनाने की जिम्मेदारी इंदौर विकास प्राधिकरण मतलब आईडीए को सौंपी गई।
बेसमेंट में 20 साल पहले इतने विभाग थे
अस्पताल अधीक्षक डॉक्टर आर्य ने बताया कि पानी भरने की समस्या के चलते कैंसर हॉस्पिटल के बेसमेंट यानि तलघर में कई विभाग बन्द करना पड़े थे। 20 साल पहले यहां पर कैंसर मरीजों के इलाज के लिए कोबाल्ट मशीन के अलावा एक्सरे यूनिट और मेडिकल इन्वेस्टिगेशन लैब थी।
सालों पुरानी बीमारी का इस तरह हुआ इलाज
मेडिकल कॉलेज प्रशासन के अनुसार, आईडीए की टीम ने बेसमेंट में जहां से पानी आ रहा है, उसे कलेक्ट मतलब इक_ा करने के लिए तलघर में लगभग 3 फीट गहरा टैंक तैयार किया है, जिसमें पानी खींचने की पम्पिंग मोटर लगाई जा रही है। सेंसर टेक्नोलॉजी के चलते यह पम्पिंग मोटर टैंक भरते ही अपने आप चालू होकर पानी को बाहर निकलना शुरू कर देगी। इसके बाद यह पानी डाली गई नई पाइप लाइन के जरिये ड्रेनेज चेम्बर में चला जाएगा। इस दौरान जैसे ही टैंक में पानी का लेबल नीचे आएगा, यह पम्पिंग मोटर अपने आप बन्द हो जाएगी। पानी की समस्या का समाधान करने के अलावा 6000 वर्गफीट के तलघर में वाटर प्रूफिंग प्लास्टर, आरसीसी का कार्य किया जाएगा। इसके बाद बिजली फिटिंग और वाल पेंट कलर का काम कर इसे मेडिकल प्रशासन को सौंप दिया जाएगा।
अब बेसमेंट में यह नई व्यवस्थाएं शुरू होंगी
बेसमेंट मतलब तलघर में पानी भरने के बाद हम सालों से कई समस्याओं का सामना करते आ रहे हैं। अब 20 साल बाद समाधान होने से नि: संदेह बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि हम इस 6000 वर्गफीट जगह में कैंसर के मरीजों के लिए न्यू ओपीडी, मरीजों के लिए वेटिंग हॉल, काउंसलिंग के लिए अलग-अलग कन्सल्टेंट रूम, मेडिकल पीजी स्टूडेंट्स डॉक्टर्स के लिए रूम के अलावा मरीजों के रजिस्ट्रेशन का काउंटर बनाया जाएगा।
-डॉक्टर रमेश आर्य, अधीक्षक कैंसर हॉस्पिटल एमवायएच परिसर इंदौर
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