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पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने का चर्चा फिर शुरू, पेट्रोलियम मंत्रालय ने भेजा पत्र

November 29, 2024

नई दिल्ली। पेट्रोल-डीजल (Petrol Diesel) को जीएसटी (GST) के दायरे में लाने की चर्चा एक बार फिर शुरू हो गई है। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय (Ministry of Petroleum and Natural Gas) ने प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (GST) के दायरे में लाने पर विचार करने के लिए वित्त मंत्रालय को पत्र लिखा है। उन्होंने बताया कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली जीएसटी परिषद को इस प्रस्ताव पर विचार कर निर्णय लेना है। अगर जीएसटी के दायरे में पेट्रोल-डीजल आते हैं तो इनपर अधिकतम 28 पर्सेंट जीएसटी लगता है तब भी पेट्रोल-डीजल के रेट (Petrol Diesel Price) काफी कम हो जाएंगे। बता दें पेट्रोल-डीजल समेत 5 पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी में शामिल नहीं हैं।


आईओसी के मुताबिक अभी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.77 रुपये प्रति लीटर है। जबकि, डीजल की कीमत 87.67 रुपये लीटर। इसका बेस प्राइस 54.84 रुपये है। इस पर 19.90 रुपये एक्साइज ड्यूटी, दिल्ली सरकार का वैट 15.40 रुपये, डीलर कमीशन 4.39 रुपये, भाड़ा 0.24 रुपये। यानी एक लीटर पेट्रोल पर आम आदमी का कुल 39.93 रुपये टैक्स, भाड़ा और कमीशन के रूपे में चला जाता है। यह रेट 16 नवंबर से प्रभावी है।

दिल्ली में डीजल की कीमत
बेस प्राइस : 55.80 रुपये प्रति लीटर
फ्रेट आदि: 0.22 रुपये प्रति लीटर
डीलरों से ली जाने वाली कीमत (एक्साइज ड्यूटी और वैट को छोड़कर: 56.02 रुपये प्रति लीटर
एक्साइज ड्यूटी: 15.80 रुपये प्रति लीटर
डीलर कमीशन (औसत):3.02 रुपये प्रति लीटर
वैट (डीलर कमीशन पर वैट सहित):12.83 रुपये प्रति लीटर
दिल्ली में खुदरा बिक्री मूल्य- 87.67 रुपये प्रति लीटर
स्रोत: IOC

विंडफॉल टैक्स की होगी समीक्षा
वित्त मंत्रालय पेट्रोल, डीजल और विमान ईंधन (ATF) के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर यानी विंछफॉल टैक्स की प्रभावशीलता की समीक्षा करेगा। क्योंकि, वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतें स्थिर हो गई हैं। भाषा के सूत्रों ने यह जानकारी दी।

घरेलू आपूर्ति की कीमत पर ईंधन के निर्यात पर कुछ तेल रिफाइनरियों द्वारा अर्जित अभूतपूर्व मुनाफे के मद्देनजर सरकार ने जुलाई 2022 में पेट्रोल, डीजल और एविएशन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) पर निर्यात कर लगाने का फैसला किया था। सूत्रों ने बताया कि वित्त मंत्रालय अप्रत्याशित लाभ कर तथा इससे जुटाए जाने वाले कर की समीक्षा करने जा रहा है।

विंडफॉल टैक्स ”शून्य”
सरकार ने सितंबर में घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर प्रति टन विंडफॉल टैक्स को घटाकर ”शून्य” कर दिया था। यह कर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (एसएईडी) के रूप में लगाया जाता है और तेल की दो सप्ताह की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े अधिसूचित किया जाता है।

31 अगस्त को आखिरी बार हुई थी समीक्षा
आखिरी बार 31 अगस्त को इसकी समीक्षा की गई थी। तब कच्चे पेट्रोलियम पर अप्रत्याशित लाभ कर 1,850 रुपये प्रति टन निर्धारित किया गया था। डीजल, पेट्रोल और विमान ईंधन या एटीएफ के निर्यात पर एसएईडी को 18 सितंबर से ‘शून्य’ पर यथावत रखा गया है। भारत ने पहली बार एक जुलाई 2022 को अप्रत्याशित लाभ कर लगाया था। इसके साथ ही वह उन देशों की सूची में शामिल हो गया, जो ऊर्जा कम्पनियों के असाधारण लाभ पर कर लगाते हैं।

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