गांधीनगर। महिलाओं पर हमले की दो घटनाओं को लेकर गुजरात विधानसभा में शून्यकाल में चर्चा की इजाजत नहीं देने पर कांग्रेस के 10 विधायकों ने सदन से बहिर्गमन कर दिया। स्पीकर निमाबेन आचार्य ने कांग्रेस की मांग खारिज कर दी। गुरुवार सुबह जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विधायक पुंजा वंश ने अध्यक्ष से आठ मार्च को हुई दो घटनाओं पर चर्चा करने का आग्रह किया। ये घटना अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन हुई थीं।
वंश के अनुसार 8 मार्च को गांधीनगर के एक मैदान में एकत्रित महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ कुछ पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर मारपीट की थी। ये कार्यकर्ता महिला सुरक्षा के मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा सरकार का विरोध कर रही थीं। विधायक ने आठ मार्च को अहमदाबाद के करंज इलाके में एक महिला पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) पर कोर्ट परिसर में भीड़ द्वारा किए गए हमले का मुद्दा भी उठाया था।
उन्होंने दावा किया कि एक महिला एसआई पर हमले के बावजूद पुलिस ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। जब अध्यक्ष ने चर्चा की उनकी मांग को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सदन में शून्यकाल घोषित करने की परंपरा नहीं है, तो वंश ने जिनीबेन ठाकोर, शिवा भूरिया और अमरीश डेर सहित आठ-नौ अन्य विधायकों के साथ सदन से बहिर्गमन कर दिया।
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