भोपाल। मध्य प्रदेश में अगले साल यानि 2023 के अंत में विधानसभा के चुनाव होने है। ऐसे में कांग्रेस प्रदेश (MP) के भीतर अपने संगठन को एक बार फिर मजबूत करने की कवायद में जुट गया है। पार्टी में इस बात को लेकर आम सहमति बनी है कि आगामी चुनाव (upcoming elections) प्रदेशाध्यक्ष कमल नाथ (Kamal Nath) की ही अगुवाई में लड़ा जाएगा। राज्य में कांग्रेस पिछले कुछ समय से बिखरी हुई नजर आ रही है। तमाम नेताओं में दूरियां लगातार बढ़ी है और इसने सभी को परेशान कर रखा है।
सूत्रों ने कहा कि इस डिनर पार्टी में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने कांग्रेस नेताओं को अपनी और दिग्विजय सिंह की पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ हाल की बैठक के बारे में जानकारी दी और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने की योजना भी साझा की। सूत्रों ने कहा कि कमलनाथ ने उपस्थित लोगों से कहा कि सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से कहा है कि वे केंद्र सरकार की मोदी सरकार के खिलाफ आवाज उठाएं और महंगाई और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दों पर विरोध करें, ताकि भाजपा की ‘विभाजनकारी राजनीति’ का मुकाबला किया जा सके।
मध्य प्रदेश में 2003 से सत्ता से बाहर रही कांग्रेस ने 2018 में सरकार बनाई थी और कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया था, हालांकि, 15 महीने बाद तत्कालीन पार्टी नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के विद्रोह के बाद कांग्रेस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार गिर गई। सिंधिया ने छह मंत्रियों सहित अपने समर्थक विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए और राज्य में फिर से भाजपा सरकार की वापसी का रास्ता खुल गया था।
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