कोलकाता। पश्चिम बंगाल ()West Bengal में आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) उम्मीदवारों की मिली हार के बाद पार्टी के भीतर बगावत तेज (rebellion intensifies) हो गए हैं। हाल ही में मुर्शिदाबाद (Murshidabad) से भाजपा विधायक गौरी शंकर घोष समेत नेताओं के पार्टी की राज्य कमेटी से इस्तीफा देने के बाद नदिया जिले के 10 नेताओं ने जिला कमेटी से इस्तीफा दे दिया है।
बता दें कि पश्चिम बंगाल भाजपा में कलह का दौर जारी है। ऐसे में खबरें हैं कि बंगाल में पार्टी मतभेदों को दूर करने का जिम्मा खुद गृह मंत्री अमित शाह ने संभाला है।
बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 4 मई को पश्चिम बंगाल के दौरे पर जा रहे हैं। उनके बंगाल दौरे में एक सप्ताह से भी कम समय है, इस बीच कोलकाता के निकटवर्ती उत्तर 24 परगना जिले में रविवार को बारासात संगठनात्मक समिति के 15 पदाधिकारियों ने एक बार में इस्तीफा दे दिया। पार्टी नेताओं के बीच असंतोष ऐसे समय में सामने आया है जब भाजपा आलाकमान ने एक आदेश जारी कर राज्य इकाई को पार्टी के आंतरिक विवाद को खत्म करने और शाह की चार मई से शुरू होने वाली यात्रा से पहले एकजुट छवि बनाने का निर्देश दिया।
उपचुनावों में पराजय के बाद से भगवा खेमे को पार्टी के भीतर मतभेदों का सामना करना पड़ रहा है। उपचुनावों में पार्टी आसनसोल लोकसभा सीट को बरकरार रखने में विफल रही थी। राज्य सचिव सहित तीन विधायकों ने राज्य पदों से इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा नादिया में 14 जिला स्तर के पदाधिकारियों ने उपचुनाव के परिणामों के 48 घंटों के भीतर ही अपना इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफा देने वाले एक पदाधिकारी श्यामल रॉय ने कहा कि उन्होंने न केवल अपने करीबी लोगों को प्राथमिकता दी। इसके अलावा, वह तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के साथ भी मिले हुए हैं और हमारे प्रतिद्वंद्वियों को निकाय चुनावों में चुनावी लाभ दिलाने में मदद करते हैं।”