नई दिल्ली (New Delhi)। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के वैज्ञानिकों ने जब चंद्रयान-3 के डिजाइन की शुरुआत की थी, तो उन्हें पता था कि उनके पास चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग (Landing on the Moon’s South Pole) कर इतिहास बनाने का एक और मौका है। लगभग चार वर्ष पहले उनकी यह कोशिश नाकाम हो चुकी थी। उन्हें इस बार कम बजट में यह मिशन पूरा करना था। चंद्रयान-3 पर केवल पर 600 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, हॉलीवुड फिल्में और विदेशी अंतरिक्ष मिशन 600 करोड़ से कहीं अधिक में होते हैं, लेकिन भारत में इन्हें इस प्रकार डिजाइन किया जाता है कि खर्च कम हो।
पांच साल में 50 हजार करोड़ शोध पर खर्च होंगे
जितेंद्र सिंह ने बताया कि निजी क्षेत्र को शोध व विकास कार्यों में शामिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुसंधान राष्ट्रीय शोध फाउंडेशन विधेयक बनाया, जिसे पिछले साल लोकसभा ने पारित किया। इसके तहत पांच साल में 50 हजार करोड़ का बजट दिया जा रहा है।
बिंदी, सिंदूर के साथ वैज्ञानिक, भारतीयता का सच्चा सार
इस बीच,अभिनेत्री कंगना रनौत ने महिला वैज्ञानिकों के योगदान की प्रशंसा की है। अभिनेत्री ने रविवार को इंस्टाग्राम पर इसरो की महिला वैज्ञानिकों की एक तस्वीर साझा की। लिखा, भारत की प्रमुख वैज्ञानिक, वे सभी बिंदी, सिंदूर और मंगलसूत्र के साथ, सादा जीवन और उच्च विचार के प्रतीक, भारतीयता का सच्चा सार।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved