भोपाल। मिशन 2023 की तैयारी में लगी कांग्रेस को अपनी ही पार्टी में अनुशासन की चुनौती मिल रही है। पार्टी का जब भी कोई बड़ा नेता आता है या बड़ा कार्यक्रम होता है कांग्रेसी आपस में ही लड़ झगड़कर पार्टी की फजीहत करा देते हैं। इसी से निपटने के लिए अब मप्र कांग्रेस ने नया फॉर्मूला निकाला है। इसकी शुरुआत प्रदेश के सबसे बड़े जिले इंदौर से करने वाली है।
समिति में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होंगे
अनुशासन समिति में अध्यक्ष सहित तीन सदस्य होंगे। ये समिति नेताओं के आपसी विवाद निपटाएगी। इससे पार्टी की छवि खराब होने से बचायी जा सके। साथ ही अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं पर कार्रवाई भी की जा सके। हाल ही में पूर्व सीएम कमलनाथ के दौरे के दौरान स्वागत के लिए कांग्रेसी आपस में भिड़ गए थे। उन्होंने जेड प्लस सुरक्षा में लगे पुलिस कर्मी की कॉलर तक पकड़ ली थी। इसे कमलनाथ ने बहुत गंभीरता से लिया है। युवा कांग्रेस के प्रदर्शन के दौरान नेताओं में जमकर मारपीट हुई थी। इसकी शिकायत भी कमलनाथ तक पहुंची थी। ऐसी घटनाएं दोबारा न हों इसका ध्यान भी अनुशासन समिति रखेगी।
बयानवीरों ने बढ़ाई समस्या
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कुछ दिन से कांग्रेस में बयानवीरों की संख्या बढ़ गई है। इनकी वजह से कांग्रेस की रीति-नीति और नियमों का उल्लंघन हो रहा है, कई महत्वपूर्ण विषयों की गोपनीयता भंग हो रही है।
विवाद और अनुशासनहीनता अलग है, इन सभी विषयों को गंभीरता से देखते हुए अनुशासन समिति बनाई जा रही है। कांग्रेस नेताओं में हो रही जूतम पैजार पर भाजपा चुटकी ले रही है। भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा का कहना है कांग्रेस को अनुशासन समिति की नहीं बल्कि कमांडो ट्रेनिंग की आवश्यक्ता है। उन्हें अपने चुनिंदा नेताओं को कंमाडों ट्रेनिंग देनी चाहिए। उनकी पार्टी के हर कार्यक्रम में नेताओं में जिस तरह की हाथापाई और तू तू मैं मैं होती है उससे निपटने के लिए कांग्रेस को प्राइवेट सुरक्षा एजेंसियों की मदद लेनी चाहिए।
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