लखनऊ । यूपी के मिर्जापुर (U.P. Mirzapur) का पुनवासी (Punvasi) 11 साल बाद अपने गांव अपने देश और अपनों के बीच आखिर लौट आया। पुनवासी को भूल से सरहद पार करने की सजा 11 साल पाकिस्तान की जेल में रहकर बितानी पड़ी। तमाम सरकारी कोशिशों के बाद अपनों के बीच लौटने पर पुनवासी का भव्य स्वागत किया गया। हालांकि इस बीच गुजरे तमाम सालों में उसने सबकुछ खो दिया। अब ना तो रहने के पास घर बचा और ना ही मां-बाप का साया। रिश्तों में कहा जाय तो मात्र एक बड़ी बहन ही बची है।
दरअसल मिर्जापुर जिले के भरुहना गांव निवासी पुनवासी अटारी बार्डर से मंगलवार को अपनी बड़ी बहन के साथ मिर्जापुर पहुंच गया। यहां पहुंचने पर पुलिस लाइन के मनोरंजन कक्ष में प्रभारी जिलाधिकारी अविनाश सिंह और पुलिस अधीक्षक अजय सिंह समेत तमाम अधिकारियों ने उसका जोरदार स्वगात और अभिनंदन किया। साथ ही फूलों का गुलदस्ता भेंट किया। साथ ही उससे जाना कि कैसे वह बॉर्डर को पार किया और वहां पर इतने दिन कैसे बीते।
11 साल अपनों से दूर और दूसरे देश की जेल में रहने के बाद उसे कुछ ज्यादा याद नहीं है। ना ही कुछ खोने का डर और ना ही कुछ पाने की इच्छा। जब उससे एनबीटी ऑनलाइन ने बात की तो वह बस इतना ही बताया कि पांच या 6 महीने ही जेल में रहा है। कुछ बताने के नाम पर केवल चेहरे पर मुस्कान ही नजर आई।
पुनवासी के 6 भाई और एक बहन थी। इसमें से अब एक ही बहन बची है। पुनवासी की बहन किरन ने एनबीटी ऑनलाइन को बताया कि 11 साल पहले पुनवासी की शादी की थी लेकिन गौना नहीं हुआ था। गौना ना होने के कारण यह नाराज रहने लगा था। इसके बाद एक दिन अचानक कहीं चला गया। काफी खोजबीन करने के बाद हम लोग शांत हो गए। 11 साल बाद प्रशासन के लोगों ने बताया कि आपका भाई पाकिस्तान की जेल में बंद है जिसको छोड़ा जा रहा है। और आज हमारा भाई हमारे साथ है।
बहन की चिंता है कि पुनवासी आ तो गया है लेकिन इसके पास रहने के घर भी नहीं बचा। साथ ही मां-बाप का साया भी सर से उठ गया। भाईयों में अब कोई नहीं बचा। उसकी आगे की जिंदगी कैसी चलेगी। वहीं, पुनवासी की बहन ने यह भी बताया कि ग्यारह साल पहले घर में किसी को कुछ बताए बिना ही निकल गए था और एक ट्रक में सफर करते हुए राजस्थान पहुंच सरहद पार कर पाकिस्तान पहुंच गए था। उन पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगा। जिसके बाद लाहौर जेल में बंद कर दिया गया था।
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