नई दिल्ली (New Dehli)। प्रतापगढ़ (Pratapgarh)के चिलबिला में पारिवारिक बंटवारे के विवाद (Controversy)के बीच ब्यूटी पॉर्लर (beauty parlor)चलाने वाली दिव्यांग युवती ने मुख्यमंत्री को संबोधित सुसाइड (Suicide addressed to the Chief Minister) वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर फांसी (posted and hanged)लगा ली। गुस्साए लोगों ने छह घंटे तक हाईवे जाम कर दिया। लापरवाही पर इंचार्ज समेत पूरी पुलिस चौकी को निलंबित कर दिया गया है।
चिलबिला निवासी स्व. मक्खन जायसवाल के 6 बेटों और 5 बेटियों में सबसे बड़ी कंचन (उम्र 38 वर्ष) अविवाहित और दिव्यांग थी। वह प्रयागराज-अयोध्या हाईवे पर स्थित घर के एक कमरे में ब्यूटी पॉर्लर चलाती थी। घर के बंटवारे के विवाद में उसके भाई तीन-तीन के गुट में बंट गए। वह एक गुट के भाइयों के साथ रहती थी। रविवार सुबह करीब 10 बजे उसने ब्यूटीपॉर्लर का शटर खोलने के बाद बगल की दुकान पर चाय पी।
दुकान में जाने के बाद मुख्यमंत्री को संबोधित सुसाइड वीडियो बनाया और फेसबुक पर पोस्ट कर दुपट्टे से फांसी लगा ली। बाजार के लोगों ने शव लटकता छोड़ हाईवे पर जाम लगा दिया। सूचना पर फोर्स के साथ एसपी सतपाल अंतिल को लोगों ने अवैध कब्जे के लिए चिलबिला चौकी के पुलिसकर्मियों को जिम्मेदार बताया। शटर में की गई वेल्डिंग इलेक्ट्रिक कटर से कटवाकर कब्जा दिलाया तो छह घंटे बाद जाम समाप्त हुआ।
‘मुख्यमंत्रीजी, मैं अपनी मर्जी से आत्महत्या नहीं कर रही’
कंचन जायसवाल ने फांसी लगाने से पहले 37 सेकेंड का सुसाइड वीडियो बनाया था। वीडियो उसने फेसबुक पर पोस्ट किया तो हर किसी के मोबाइल में दिखने लगा। कंचन ने सुसाइड वीडियो में कहा कि ‘मुख्यमंत्री जी यह आत्महत्या मैं अपनी मर्जी से नहीं कर रही। तीन भाई सचिन, शशि और ऋषि उसे तंग कर दिए हैं। वह उनका हिस्सा देना चाहती है लेकिन वे दबंगई कर रहे हैं। कहतें हैं कि प्रशासन हमारा कुछ नहीं कर सकता।’
विधायक पर हमलावर हुई भीड़, बीच में आए एसपी
कंचन जायसवाल का घर कब्जा करने वालों को सदर विधायक का संरक्षण मिलने का आरोप लगाते हुए उनके आने पर लोग हमलावर हो गए। पहले से ही लोग आरोप लगा रहे थे कि कंचन के भाई से कमरे का एग्रीमेंट कराने वाला विधायक पुत्र आशीष उर्फ पिंटू का करीबी है। उनसे करीब 50 लाख के कमरे 20 हजार रुपये में एग्रीमेंट कराया है।
दोपहर करीब दो बजे सदर विधायक मौके पर पहुंचे तो भीड़ उनपर गालियां देते हुए हमलावर हो गई। यह देख एसपी सतपाल अंतिल विधायक के आगे आ गए। पुलिस वालों ने भीड़ को पीछे कर दिया। इस बावत विधायक राजेंद्र मौर्य ने कहा कि सत्ता में होने के कारण उनका विरोध किया जा रहा है। उनके बेटे का नाम फर्जी लिया जा रहा है।
चौकी इंचार्ज को दौड़ाया, नहीं आया कोई सिपाही
ब्यूटी पॉर्लर संचालिका के फांसी लगाकर जान देने की सूचना पर चौकी इंचार्ज शेषनाथ सिंह यादव मौके पर पहुंचे तो लोग उन्हें घटना के लिए जिम्मेदार बताते हुए हमलावर हो गए। यह देख चौकी इंचार्ज वहां से भाग निकले। शाम तक हंगामे के बीच चिलबिला चौकी का कोई सिपाही मौके पर नहीं दिखा।
छह घंटे फंदे पर लटका रहा शव, बेबस रही खाकी
चिलबिला में दिव्यांग ब्यूटी पॉर्लर संचालिका कंचन जायसवाल के फांसी लगाकर जान देने के बाद कब्जे के लिए हुई दबंगई और पुलिस की निष्क्रियता से हर कोई आक्रोशित हो गया। एसपी के पहुंचने के बाद भी लोग चिलबिला चौकी इंचार्ज और सिपाहियों पर घूस लेने, धमकाने के आरोपों की बौछार करते रहे। ऐसे मे ब्यूटी पॉर्लर के कमरे में फंदे पर लटकता कंचन का शव छह घंटे बाद उतारा जा सका।
कंचन जायसवाल सुबह पॉर्लर पर आई तो शटर खोलने के बाद मोबाइल पर बात करते हुए बगल की दुकान पर चाय पीने लगी। उसके पॉर्लर में जाने के कुछ ही देर बाद उसकी सहायक पहुंची लेकिन तब वह फांसी लगा चुकी थी। मौके पर पहुंचे लोगों ने शव देखा और तुरंत ब्यूटी पॉर्लर का शटर बंदकर हाईवे पर जाम लगा दिया। महिलाएं शटर के बाहर बैठ गईं तो पुलिस वाले करीब नहीं आ सके। शव कमरे में फंदे पर लटका रहा। पुलिस वाले उसे उतारने में बेबश रहे। बातचीत के बीच कई बार आक्रोशित लोग पुलिस पर भूमाफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते रहे। छह घंटे बाद शव फंदे से उतारकर भेजा जा सका।
‘मुझसे भी रुपये लिए थे उसने ज्यादा दे दिया’
जाम स्थल पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों से बातचीत में कंचन के एक भाई ने आरोप लगाया कि चिलबिला चौकी के पुलिस वालों ने पहले उससे रुपये लिए थे। बाद में आरोपितों ने अधिक रुपये दे दिया तो पुलिस ने दुकानें कब्जा कर दिया। कब्जा करने वाले हर सुबह शाम करीब की चाय की दुकान पर बैठकर उन्हें धमकी दे रहे थे। रविवार सुबह भी चिलबिला चौकी के पुलिसकर्मी सिविल में आकर धमकी शटर खोलने पर धमकी दे रहे थे।
बूढ़ी आंखों से बहता रहा कोख के जायों में टकराहट का दर्द
बेटी के मौत को गले लगाने के बाद 80 साल की कृष्णा जायसवाल की बूढ़ी आंखों ने रविवार को जो कुछ देखा उसे उसने सपने में भी नहीं सोचा था। जाम लगने के बाद हाईवे पर रखे तख्त पर बैठी कृष्णा की आंखों से उसकी ही कोख के टुकड़ों की टकराहट का दर्द बहता रहा।
छह बेटों और पांच बेटियों की मां कृष्णा के घर में पति मक्खनलाल की मौत से पहले ही कलह होने लगी थी। चिलबिला के लोगों के अनुसार मक्खनलाल ने एक बेटी (मृतका) और पांच बेटों को सम्पत्ति की वसीयत कर दी थी। संपत्ति से बेदखल सचिन ने फिर भी खतौनी पर अपना नाम चढ़वा लिया और दो भाइयों रिशू व शशि को अपने पाले में करके सभी का हिस्सा दूसरे को एग्रीमेंट कर दिया।
जबकि तीन बेटे मनीष, अश्वनी, हर्षित, बेटियां उसके साथ रहती थीं। रविवार को कृष्णा सबसे बड़ी बेटी कंचन के आत्महत्या करने के लिए अपने ही तीन बेटों पर कार्रवाई के लिए हाईवे पर बैठकर आंसू बहाती रही। हालांकि बेटियां और साथ रहने वाली बहुएं उसे सांत्वना देती रहीं। कृष्णा बिना किसी से बोले अपनी ही कोख के टुकड़ों की टकराहट पर बिना कुछ बोले आंसू बहाती रही।
डायवर्जन के बाद भी हर ओर जाम, भटके राहगीर
प्रयागराज-अयोध्या हाईवे पर चिलबिला में जाम लगाए जाने के बाद मुख्यालय के आसपास हर ओर जाम का नजारा दिखा। ई रिक्शा, ऑटो, बसें बंद होने से तमाम राहगीरों को पैदल ही जाना पड़ा। चिलबिला में लगा जाम आधे घंटे तक नहीं खुला तो आसपास के चौराहों के साथ ही हाईवे पर भुपियामऊ और कोहंडौर से भी वाहनों को डायवर्ट कर दिया गया। कुछ ही देर में चिलबिला उपकेंद्र के बगल के बाईपास पर भी जाम लग गया। सुल्तानपुर की ओर से आने वाले वाहन भारी संख्या में जाम से पहले हाईवे पर रोक दिए गए। सुल्तानपुर, मदाफरपुर के वाहनों को पट्टी की ओर मोड़ दिया गया। कुछ ही देर में यह सड़कें भी जाम से सिसकने लगीं। शाम को शव कब्जे में लिए जाने के बाद करीब साढे़ 4 बजे आवागमन बहाल हुआ।
पुलिस ने रोका विपरीत रास्ता, परेशान हुए लोग
आम तौर पर पुलिस जाम स्थल की ओर जाने वालों को रोकती है। रविवार को चिलबिला में पुलिस ने जाम स्थल से बाहर जाने वालों को रोक दिया। चिलबिला में पट्टी मोड़ से सुल्तानपुर की ओर हाईवे पर जाम लगाया गया था। पुलिस उस ओर जाने वाले वाहनों को दूसरी ओर से भेज रही थी। गलियों से होते हुए चिलबिला बाजार आने वाले जाम स्थल की ओर से शहर या पट्टी की ओर जाने लगे तो उनके सामने भी बैरियर लगा दिया गया। ऐसे में लोग देर तक परेशान रहे।
दो दिन पहले दुकान में की इलेक्ट्रिक वेल्डिंग
कंचन जायसवाल के ब्यूटी पॉर्लर के पास ही उसके साथ रहने वाले एक भाई की रेडीमेड कपड़े की बड़ी दुकान थी। दूसरी दुकान भी उसके साथ रहने वाले भाई की ही थी। दो दिन पहले कब्जा करने वालों ने दुकान के बाहर लगा बोर्ड फेंक दिया। उसके दोनों भाई की दुकान के शटर इलेक्ट्रिक वेल्डिंग से बंद करा दिया। कंचन के जान देने के बाद लोग आरोप लगाते रहे कि पुलिस ने कब्जा करने वालों का सहयोग किया। उनकी एक नहीं सुनी।
क्या बोली पुलिस
एसपी सतपाल अंतिल ने कहा कि चिलबिला में एक परिवार में बंटवारे का विवाद था। सीओ सिटी की रिपोर्ट पर चिलबिला चौकी इंचार्ज सहित तैनात सभी पांच सिपाहियों को निलंबित कर विभागीय जांच की जा रही है।
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