जानकारी के अनुसार, घटना सोमवार की शाम लगभग चार बजे के बाद की है। ग्राम भुरका स्थित एक खेत में बनी झोपड़ी में चार वर्षीय चंदन राज पुत्र हीरा उइके दो अन्य बालकों के साथ खेल रहा था। उसके दादा पानी लेने के लिए दूर गए हुए थे, तभी अचानक झोपड़ी में आग लग गई। इस दौरान दो बालक तो बाहर भागने में कामयाब हो गए, लेकिन दिव्यांग चंदन राज झोपड़ी से बाहर नहीं निकल पाया और आग ने विकराल रूप ले लिया। झोपड़ी में ही बंधे दो बैल भी बालक के साथ जल गए।जब तक दादा मौके पर पहुंचा तो आग बेकाबू हो चुकी थी। वहां आग बुझाने की भी कोई व्यवस्था नहीं थी। बाहर निकल आए दो बालक बाहर रो रहे थे। सूचना मिलने पर बड़ी संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया। पुलिस भी देर शाम मौके पर पहुंची। संबंधित झोपड़ी लगभग एक किलोमीटर गांव से दूर खेत में बनी थी। यहां पर पहुंचना भी मुश्किल था। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।