दिन के 19 हजार कमाने वाली भिखारिन लखपति निकली
इंदौर। सडक़ों पर भीख मांगने वाले भिखारी जहां लखपति निकल रहे हैं, वहीं खुद को विकलांग और गरीब बताकर लोगों की भावनाओं को लूटने वाले भिखारी भी अमीर निकल रहे हैं। लवकुश चौराहे पर कल भिखारियों को रोकने के लिए निकली टीम बैसाखी पर चल रही महिला को जैसे ही पकडऩे आगे बढ़ी, महिला बैसाखी छोड़ भाग खड़ी हुई।
भारत सरकार द्वारा जिले को भिक्षुकमुक्त करने के निर्देश के बाद चल रही मुहिम बड़े खुलासे कर रही है। वहीं सडक़ों पर दौड़ रही टीम भिक्षुकों को देख भौचक हो रही है। लवकुश चौराहे पर परियोजना अधिकारियों सहित चाइल्ड लाइन की टीम ने समझाइश देने की प्रक्रिया शुरू की और बैसाखी पर चल रही एक महिला को जब टीम पकडऩे पहुंची तो वह बैसाखी छोडक़र ही भाग खड़ी हुई। महिला की जांच-पड़ताल करने पर जो खुलासा हुआ, वह भी अधिकारियों के लिए चौंका देने वाला था। पासबुक और बैंक की जानकारी जुटाने पर महिला लखपति निकली। उसके खाते में ढाई से तीन लाख रुपए पाए गए। वहीं उसके साथ भिक्षावृत्ति में लिप्त 6 साल की बच्ची भी हजारों की मालकिन निकली। महिला ने पूछताछ में बताया कि वह प्रतिदिन भीख मांगकर 15 से 19 हजार रुपए तक कमाती है। वहीं उसकी बच्ची 2 हजार रुपए भीख मांगकर कमा लेती है।
भिक्षुकों को शेल्टर के लिए असमंजस
कलेक्टर के निर्देश पर इंदौर को भिक्षुकमुक्त कराने के लिए सात टीमों का गठन किया गया है। 40 से अधिक चौराहों पर टीमें दौड़ रही हैं। दो दिन से लगातार चौराहों पर कार्रवाई कर रही टीम को कल 16 से अधिक बच्चे और उनकी माताएं मिलीं, जिन्हें शेल्टर दिलाने और भिक्षुक प्रवेश केंद्र में रखने के लिए देर तक जद्दोजहद चलती रही। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार किसी भी विभाग के अधिकारी को भिक्षुकों को पकडऩे के निर्देश तो पता हैं, लेकिन उन्हें पकडऩे के बाद कहां रखना है इसकी जानकारी नहीं है। विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार लवकुश चौराहे पर जब महिला को बच्ची के साथ पकड़ा गया तो उसे प्रवेश केंद्र में भर्ती कराने पर अधिकारियों के बीच ही गहमागहमी हो गई, जिसके बाद आनन-फानन में कलेक्टर कार्यालय में बैठक बुलाई गई और रणनीति पर एक बार फिर विचार किया गया।
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