सिरोंज। विश्व दिव्यांग दिवस पर कृषि उपज मंडी रोड पर स्थित बाबा साहब अंबेडकर भवन में दिव्यांगजनों का सम्मान और उपकरण वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। नगर पालिका परिषद एवं जनपद पंचायत द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्या अतिथि के रूप में शामिल हुए विधायक उमाकांत शर्मा ने अपने उदबोधन में कहा कि बीमारी का नाम नहीं है दिव्यांगता, अवस्था होने पर होती है दिव्यांगता, ईश्वर का अभिशाप नहीं है दिव्यांगता। विधायक ने कहा कि मनुष्य का जीवन धारण करना जन्म लेना और प्रकृति के अंश, प्राणी, जिसे हम चौरासी योनी कहते हैं, उनमें भी और मनुष्यों में भी विकलांगता होती है जो कि ऊपर वाले की देन होती है, प्रकृति की देन होती है दिव्यांगता। लेकिन कई बार मनुष्य हादसे या अपने द्वारा की गई गलती की वजह से भी दिव्यांग हो जाता है। कार्यक्रम के दौरान पात्र दिव्यांगजनों को 4 मोटराइज्ड सायकिल, 8 ट्रायसायकिल, व्हीयल चेयर, बैसाखी, ईयर मशीन सहित कई अन्यर उपकरण वितरित किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से जनपद पंचायत अध्यक्ष पुष्पा हमीर सिंह यादव, नगर पालिका अध्यक्ष मनमोहन साहू, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष शशि शर्मा, जिला पंचायत उपाध्यक्ष दरयाब सिंह कुर्मी, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह दाँगी, पार्षद एवं जनपद सदस्यगण सहित नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों से आए दिव्यांगजन और नागरिक उपस्थित थे।
दिव्यांगजनों की सेवा करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को धन्यवाद
विधायक ने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं उन बेटे-बेटियों, माता-पिता, बहन-भाइयों और पालकों को, जो दिव्यांवगजनों की सेवा करते हैं। दिव्यांगजन सरल नहीं होते, उनकी सेवा करना सरल नहीं है। मानसिक दिव्यांगों की भाषा समझना, मंशा समझना और निराकरण करना आसान नहीं। उन सभी महान वैज्ञानिकों, डाक्टरों के चरणों को नमन करता हूं, जिनके कारण आज पोलियो जैसी बीमारी खत्म हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का धन्यवाद है कि पहले लोग विकलांग या अपाहिज बोलते थे, लेकिन मोदी जी ने विकलांग शब्द की जगह दिव्यांग शब्द का उपयोग करने का आहवान किया था।
कार्यक्रम रोका और कन्या बुलवाकर पहले पूजा की
कार्यक्रम में कन्या पूजन की व्यवस्था नहीं होने पर विधायक ने नाराजगी जताई और जपं सीईओ एवं नगर पालिका सीएमओ को शासन के निर्देशों की बात कही। उन्होंने मंच से ही कहा कि प्रत्येेक शासकीय कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलन के साथ ही कन्या पूजन के निर्देश हैं फिर यहां व्यवस्था क्यों नहीं की। आनन-फानन में कन्या को लाया गया और पूजन कर कार्यक्रम को आगे बढाया। इसके बाद सबसे बुजुर्ग दिव्यांग को मंच पर बुलाकर विधायक ने अपनी कुर्सी पर बैठाकर सम्मानित किया।
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