नई दिल्ली: चालू वित्त वर्ष में अप्रैल से अबतक कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आय पर कुल टैक्स कलेक्शन करीब 24 प्रतिशत बढ़ा है. इनकम टैक्स विभाग ने एक बयान में कहा कि एक अप्रैल से आठ अक्टूबर के दौरान कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन में 16.74 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. वहीं, पर्सनल इनकम टैक्स कलेक्शन में 32.30 प्रतिशत का उछाल आया है. आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से आठ अक्टूबर, 2022 के दौरान डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 8.98 लाख करोड़ रुपये रहा है. जो इससे पिछले साल की समान अवधि के कलेक्शन से 23.8 प्रतिशत अधिक है.
डायरेक्ट टैक्स में कॉरपोरेट और व्यक्तिगत आयकर आता है. बयान में कहा गया है कि रिफंड हटाने के बाद डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 7.45 लाख करोड़ रुपये रहा है, जो एक साल पहले की इसी अवधि के कलेक्शन की तुलना में 16.3 प्रतिशत अधिक है. यह संग्रह वित्त वर्ष 2022-23 के लिए बजट अनुमान का 52.46 प्रतिशत बैठता है. टैक्स कलेक्शन किसी भी देश में आर्थिक गतिविधियों का इंडीकेटर होता है. भारत में औद्योगिक उत्पादन और निर्यात में सुस्ती के बावजूद कर संग्रह का आंकड़ा मजबूत रहा है.
मुनाफे से चल रही गाड़ी
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक वृद्धि ने अपनी रफ्तार गंवा दी है लेकिन कंपनियों के मुनाफे की वजह से इंजन दौड़ रहा है. भारतीय रिजर्व बैंक ने पिछले महीने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि के अपने अनुमान को 7.2 प्रतिशत से घटाकर सात प्रतिशत कर दिया है. अन्य रेटिंग एजेंसियों ने भी भू-राजनीतिक दबाव और सख्त होती वैश्विक वित्तीय स्थिति को देखते हुए वृद्धि दर के अनुमान में कमी की है.
1.53 लाख करोड़ रिफंड जारी
सीबीडीटी ने कहा कि एक अप्रैल, 2022 से आठ अक्टूबर, 2022 की अवधि के दौरान कुल 1.53 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी किया गया है, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 81 प्रतिशत अधिक है. वस्तुओं के निर्यात में पिछले साल दर्ज हुई तेजी इस साल सितंबर में थमी है. सितंबर में वस्तुओं के निर्यात में 3.5 प्रतिशत की गिरावट आई है. चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में व्यापार घाटा करीब दोगुना हो गया है. जुलाई में औद्योगिक उत्पादन (IIP) की वृद्धि सुस्त पड़कर 2.4 प्रतिशत रही है. वहीं अगस्त में कोर सेक्टर की वृद्धि नौ माह के निचले स्तर 3.3 प्रतिशत पर आ गई है.
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