भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) ने कहा कि हमारे किसानों को खाद से वंचित करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। किसानों को जिस समय खाद की सबसे अधिक आवश्यकता है, उस समय खाद के लिए अफरा-तफरी मची है, यह अपराध है। दोषियों के विरूद्ध ऐसी सख्त कार्यवाही की जाए, जो उदाहरण बने। खाद वितरण (fertilizer distribution) में लगी कंपनियों को समझाने से काम नहीं चलेगा, दोषियों के विरूद्ध एक्शन लेकर बताएँ। तत्काल एफ.आई.आर. (FIR) कर दोषियों को गिरफ्तार किया जाए।
मुख्यमंत्री चौहान ने जबलपुर संभाग के जिलों को आवंटित यूरिया के संबंध में सुबह 7 बजे आपात बैठक ली। निवास कार्यालय से हुई बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शैलेंद्र सिंह, अपर मुख्य सचिव कृषि अजीत केसरी, संभागायुक्त जबलपुर बी. चन्द्रशेखर सहित जबलपुर के पुलिस, प्रशासन और मार्कफेड के अधिकारी वर्चुअली शामिल हुए।
खाद की आपूर्ति पर रखे कड़ी नजर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने प्रभावित जिलों में यूरिया आपूर्ति की वैकल्पिक व्यवस्था की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि प्रदेश में कहीं भी किसानों को खाद की दिक्कत नहीं होना चाहिए। केंद्र सरकार से समन्वय कर राज्य के लिए पर्याप्त आवंटन सुनिश्चित किया गया है। किसान तक खाद की आपूर्ति पर कड़ी नजर रखी जाए। जरूरत के समय किसानों को खाद की कमी नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान को जबलपुर संभागायुक्त ने जानकारी दी कि यूरिया खाद की आपूर्ति कृभको फर्टीलाइजर लिमिटेड द्वारा की जानी थी। जबलपुर में 25 अगस्त को 2600 मीट्रिक टन के रैक लगे थे। कृभको निजी परिवहनकर्ता द्वारा विभिन्न जिलों में यूरिया की आपूर्ति करता है। परिवहनकर्ता द्वारा 28 से 31 अगस्त के बीच परिवहन किया गया। कृभको को बता दिया गया था कि किस जिले के किस डबल लॉक में कितना आवंटन जाना है। लेकिन बताए गए डबल लॉक के बजाए यूरिया निजी स्थानों पर सप्लाई किया गया। परिणामस्वरूप जबलपुर, मंडला, डिण्डौरी, सिवनी और दमोह में यूरिया की आपूर्ति प्रभावित हुई। कुल 2600 मीट्रिक टन यूरिया में से 70 प्रतिशत यूरिया शासकीय एजेंसियों को और 30 प्रतिशत यूरिया निजी क्षेत्र को दिया जाना था। शासकीय एजेंसियों को होने वाली आपूर्ति निर्देशानुसार नहीं की गई।
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