नई दिल्ली: बॉलीवुड के ट्रेजडी किंग दिलीप कुमार नहीं रहे. 98 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. पिछले कुछ वक्त से वे बीमार चल रहे थे और बार-बार चेकअप के लिए उन्हें अस्पताल लाया जा रहा था. एक्टर के निधन के बाद फैंस उन्हें मिस कर रहे हैं और एक-एक कर एक्टर के जीवन से जुड़ी यादें जहेन में ताजा हो रही हैं. दिलीप कुमार की मधुबाला संग बॉन्डिंग के चर्चा नई पीढ़ी तक होते हैं. इसके पीछे की वजह है दोनों के बीच का बेपनाह प्यार. जिसका अंत भले ही अच्छा नहीं हुआ मगर इस रिश्ते में अगर कुछ खट्टी यादें हैं तो कुछ मीठी यादें भी हैं.
प्यार भी हुआ और इकरार भी
मधुबाला और दिलीप कुमार की प्रेम कहानी 1951 में आई फिल्म तराना के सेट से शुरू हुई थी. दोनों की नजरें मिलीं और पहली नजर का प्यार हो गया. मधुबाला ने इश्क के इजहार के लिए दिलीप कुमार के मेकअप रूम में एक पर्ची और गुलाब भेजा था. इस पर्ची पर लिखा था, ‘अगर आपको मुझसे मोहब्बत का इकरार हो तो इस गुलाब को कुबूल फरमाएं.’ दिलीप ने चेहरे पर मुस्कान लाते हुए मधुबाला के इश्क को रजामंदी दे दी. बाद में दिलीप कुमार की दीवानगी भी इस हद तक बढ़ी कि वे अपनी फिल्म की शूटिंग छोड़कर वहां पहुंच जाते थे, जहां मधुबाला की फिल्म की शूटिंग हो रही होती थी.
जब बिगड़ी बात
इस परवान चढ़ते इश्क में अड़चनें तब शुरू हुई, जब इस कहानी में मधुबाला के पिता अताउल्ला खान की एंट्री हुई. खान अपनी बेटी पर कड़ी नजर रखते थे. यहां तक कि उनकी इस दखलंदाजी से निर्देशक भी परेशान थे. बात उस समय बिगड़ी जब बीआर चोपड़ा मधुबाला और दिलीप कुमार को लेकर फिल्म नया दौर की शूटिंग कर रहे थे. चोपड़ा भोपाल के पास दिलीप और मधुबाला के साथ आउटडोर शूटिंग करना चाहते थे. लेकिन अताउल्ला खान इसके लिए राजी नहीं हुए. इसका कारण यही माना गया कि खान मधुबाला और दिलीप कुमार के रोमांस के डर से उन्हें आउटडोर शूटिंग की इजाजत नहीं दे रहे हैं.
प्यार का बेबाकीपन
चोपड़ा ने मधुबाला की जगह वैजयंतीमाला को साइन कर लिया और मधुबाला की कट लगी तस्वीर अखबार में छपवा दी. उसके पास ही एक दूसरी तस्वीर छपी, जो वैजयंतीमाला की थी. जवाब में खान ने भी मधुबाला की सभी फिल्मों के नाम लिखकर नया दौर के आगे कट लगाकर इसे अखबार में छपवा दिया. मामला इतना बिगड़ा कि कोर्ट तक पहुंच गया. बाद में जब सुनवाई के दौरान दिलीप कुमार की गवाही हुई तो उन्होंने कोर्ट में कहा, हां, ‘मैं मधु से प्यार करता हूं और करता रहूंगा.’ मगर दोनों के रिश्ते में उतार-चढ़ाव जारी रहा. एक दिन ऐसा आया जब रिश्तों की बागडोर संभाले ना संभली और इस प्रेम कहानी का अंत हो गया. दोनों फिल्म मुगले आजम की शूटिंग जरूर करते रहे, लेकिन एक-दूसरे से बातचीत बंद कर दी थी. बाद में दिलीप कुमा ने सायरा बानो को अपना हमसफर चुना.
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