भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने पेगासस स्पाईवेयर कांड (Pegasus spyware scandal) पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि वह इजराइली स्पाईवेयर पेगासस (Israeli Spyware Pegasus) के जरिए कथित तौर पर फोन टैपिंग (phone tapping) से बचने में कामयाब रहे, क्योंकि उन्होंने अपने उस पुराने मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था जिसका जिक्र एल्गर परिषद-माओवादी से जुड़े मामले से संबंधित पत्र में किया गया था. इसके साथ उन्होंने कहा कि उन्होंने दिसंबर 2019 में पेगासस के जरिए कुछ व्यक्तियों पर कथित जासूसी का मुद्दा पहले ही उठाया था.
दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘मैं एक नक्सली से दूसरे को लिखे पत्र में बताए गए उस नंबर पर व्हाट्सऐप पर नहीं हूं, जिसमें पुणे में मेरे खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. यह मेरे लिए सौभाग्य की बात रही कि मैंने काफी समय पहले उस फोन (नंबर) का इस्तेमाल करना बंद कर दिया था, इसलिए मुझे फंसाया नहीं जा सकता.’
कमलनाथ ने किया ये दावा
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamalnath) ने सबसे बड़े जासूसी कांड की खुल रही परतों को लेकर बड़ा बयान दिया है. दुनिया भर में नेताओं, मंत्रियों, जजों और पत्रकारों से लेकर प्रमुख हस्तियों की जासूसी के खुलासे को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कमलनाथ ने कहा कि इस मामले में उनके पास पूरी लिस्ट है, एक दो दिन में उनके पास कुछ और नाम भी आ जाएंगे.
क्या है यह पूरा मामला?
दरअसल 10 देशों के मीडिया समूह के कई पत्रकारों ने मिलकर एक खुलासा किया है जिसके तहत यह बात सामने आई है कि इजरायली कंपनी एनएसओ के स्पाईवेयर पेगासस के जरिए दुनिया भर की सरकारों ने नेताओं, मंत्रियों, जजों, पत्रकारों और प्रभावशाली लोगों की जासूसी कराई है. फ्रांस की एक संस्था ने इस बारे में जानकारी जुटाई है कि इजरायली जासूसी नेटवर्क का इस्तेमाल भारत में भी किया गया था. भारत के दो केंद्रीय मंत्रियों, 40 से अधिक पत्रकारों, विपक्ष के तीन नेताओं और एक मौजूदा न्यायाधीश सहित बड़ी संख्या में कारोबारियों और अधिकार कार्यकर्ताओं के 300 से अधिक मोबाइल नंबर हो सकता है कि हैक किए गए हों. यह रिपोर्ट रविवार को सामने आने के बाद हंगामा मचा हुआ है. हालांकि जासूसी किसने कराई इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है.
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