भोपाल: लोकसभा (Lok Sabha) के चुनावी रण में इस बार देश के दो दिग्गज नेताओं (two great leaders) की अग्रि परीक्षा है. यह दोनों ही नेता प्रदेश (Madhya Pradesh) सहित देश की राजनीति (Politics) में अहम मानें जाते हैं. इनमें एक नेता खुद चुनावी मैदान में हैं, जबकि दूसरे अपने बेटे की जीत के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं. कुल मिलाकर कांग्रेस (Congress) के दोनों ही धाकड़ नेताओं ने इस चुनाव (Election) को अपनी साख बना लिया है.
हम बात कर रहे हैं, प्रदेश के दो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह (Kamal Nath and Digvijay Singh) की. 77 वर्षीय दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय सीट से चुनावी मैदान में है, जबकि 78 वर्षीय कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के लिए चुनावी मैदान में डटे हुए हैं. नकुलनाथ छिंदवाड़ा से कांग्रेस प्रत्याशी बनाए गए हैं.
77 वर्षीय उम्र में पदयात्रा
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस के धाकड़ नेता दिग्विजय सिंह राजगढ़ लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाए गए हैं. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस चुनाव को अपनी साख बना लिया है. यही कारण है कि 77 साल की उम्र में दिग्विजय सिंह राजगढ़ संसदीय सीट में आम मतदाताओं के लिए पहुंचने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं. पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने 31 मार्च से अपनी पदयात्रा की शुरुआत की है, वे प्रतिदिन एक विधानसभा में 25 किलोमीटर पदयात्रा कर रहे हैं.
बेटे से ज्यादा सक्रिय कमलनाथ
इधर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम व केंद्रीय मंत्री रहे कमलनाथ ने भी इस चुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का सवाल बना लिया है. यही कारण है कि 78 साल की उम्र में वे बेटे व छिंदवाड़ा से प्रत्याशी नकुलनाथ से ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं. वे भारतीय जनता पार्टी की हर प्लानिंग का डटकर सामना कर रहे हैं. हालांकि उनके गढ़ छिंदवाड़ा में कांग्रेसियों द्वारा बीजेपी जॉइन करने से उनका साथ छोड़करबीजेपी जॉइन की जा रही है, बावजूद कमलनाथ डटकर चुनावी मैदान में डटे हुए हैं.
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