ग्वालियर। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के खिलाफ ग्वालियर जिला न्यायालय ने मानहानि का मामला दर्ज करने का आदेश दिया है। यह मामला करीब 3 साल पुराना है, जब दिग्विजय ने भाजपा नेताओं पर पाकिस्तान की जासूसी का आरोप लगाया था।
दरअसल 31 अगस्त 2019 को भिंड में आयोजित पत्रकार वार्ता में दिग्विजय सिंह ने कहा था, ‘एक बात मत भूलिए, जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वे बजरंग दल और भाजपा आईएसआई से पैसा ले रहे हैं, इस पर थोड़ा ध्यान दीजिए और एक बात और बताऊं, पाकिस्तान से आईएसआई के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं, गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं।’ आपको बता दें कि इस मामले में सिविल कोर्ट ने 11 जनवरी 2020 को इसी मामले को निरस्त कर दिया था।
शिकायतकर्ता ने दिया यह तर्क
वहीं इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता अवधेश सिंह भदौरिया सत्र न्यायालय पहुंचे। जिसमें उसने तर्क दिया कि वह वकील होने के साथ-साथ आरएसएस का कार्यकर्ता भी है। याचिकाकर्ता ने कहा कि दिग्विजय सिंह द्वारा भाजपा और बजरंग दल के सभी कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाए गए हैं और करोड़ों कार्यकर्ताओं में से ही वह भी एक कार्यकर्ता हैं। इसलिए उन्हें भी दिग्विजय सिंह के विरुद्ध परिवाद पत्र दाखिल करने का अधिकार है। इस आधार पर परिवाद पत्र खारिज नहीं किया जा सकता।
अधीनस्थ न्यायालय को दिया आदेश
सिंह ने कहा कि दिग्विजय सिंह के विरुद्ध न्यायालय में सभी पर्याप्त साक्ष्य हैं। जिसके बाद सत्र न्यायालय ने अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को अवैधानिक और त्रुटिपूर्ण माना। इसी के साथ अधीनस्थ न्यायालय को आदेश दिया है वह मामले पर पुनर्विचार कर प्रकरण में अभियुक्त के विरुद्ध मानहानि का मामला दर्ज कर विधिवत कार्रवाई करें।
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