इंदौर। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) को पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने आड़े हाथों लिया। वे रविवार को इंदौर आए थे। उन्होंने कहा कि कुछ नेताओं की कथनी और करनी में अंतर (difference between words and actions) होता है। वे बोले हमें कभी उम्मीद नहीं थी कि नीतिश कुमार ऐसा कदम उठाएंगे। वे पहले ही कह चुके थे कि किसी हालत में मरते दम तक भाजपा के साथ नहीं जाएंगे।
वे संयोजक बनना चाहते थे तो बना देते, इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं थी। उन्हीं के द्वारा विपक्षी गठबंधन का प्रयास किया गया था। सभी ने मिलकर उन्हें संयोजक बनने का आफर भी दिया था जिसे उन्होंने ही मना कर दिया। फिर इस तरह का कदम उठाने का क्या मतलब है। वे खुद डेढ़ वर्ष से भाजपा का सामूहिक विरोध करने की पहल कर रहे थे। यह कैसा नेता जो कहे कुछ और करे कुछ।
अमित शाह भी बोले थे नीतीश को नहीं लेंगे
दिग्विजय सिंह ने कहा कि अमित शाह ने कहा था कि नीतीश आना भी चाहेंगे तो नहीं लेंगे, मगर वे उनके साथ हो लिए। दिग्विजय ने कहा कि इन नेताओं की कथनी और करनी में अंतर है।
मैं लोकसभा चुनाव नहीं लड़ूंगा
वहीं दिग्विजय ने राजगढ़ जिले के खिलचीपुर में कार्यकर्ताओं से कहा कि मेरे लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रश्न ही नहीं उठता क्योंकि मैं राज्यसभा सदस्य हूं और अभी मेरा सवा दो साल का कार्यकाल बचा है। दिग्विजय सिंह इन दिनों राजगढ़ जिले की प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में जाकर पार्टीजन से चर्चा कर रहे हैं।
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