नई दिल्ली। अध्यक्ष पद को लेकर कांग्रेस में चल रही हलचल में भले ही अंतराल आगया है पर बयान बाज़ी बंद होने का नाम नहीं ले रही है। पार्टी के वरिष्ठ और गाँधी परिवार के नजदीगी माने जाने वाले नेता दिग्विजय सिंह के एक बयान में कहा है कि पार्टी के अंदर असंतोष एक दिन में नहीं फैला। इस विवाद की नीव उसी दिन लग गयी थी जिस दिन सोनिया गांधी पिछले साल पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनाई गई थीं। राहुल गांधी ने अध्यक्ष का पद छोड़ तो दिया लेकिन पार्टी पर उनका नियंत्रण बना रहा।
पर्दे के आगे पीछे की कहानी
राहुल गांधी भले ही अध्यक्ष नहीं रहे लेकिन पर्दे के पीछे वे पार्टी पर नियंत्रण जारी रखे हुए है। पार्टी में बागी नेताओं की संख्या राज्यसभा चुनाव के बाद और बढ़ गयी। पार्टी में विरोध तब बढ़ गया जब राहुल गांधी ने मुकुल बनानी या केसी वेणुगोपाल की जगह राजीव सातव के नामांकन के लिए हामी भरी।
बागी नेताओं ने कहा कि वे जो कर रहे हैं वह सही है लेकिन वे पीछे इसलिए हट गए क्योंकि उन्हें अपने खिलाफ कार्रवाई या पार्टी से निकालने का डर था।
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