भोपाल। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, राज्यसभा सदस्य और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने हिन्दुत्व शब्द पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा है कि हिन्दुओं का इस शब्द से कोई लेना-देना नहीं है। यह यह शब्द रावरकर जी ने अपने इस्तेमाल के लिए गढ़ा है। इसके साथ ही उन्होंने हिन्दू एवं भगवा आतंकवाद (saffron terrorism) को लेकर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी भी इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने बुधवार को मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने कभी हिंदू या भगवा आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। मैंने संघ प्रायोजित आतंकवाद कहा है। मैं न कभी हिंदू विरोधी था और न कभी रहूंगा। उन्होंने कहा कि हमारे यहां हिंदू-मुस्लिम दोनों ने एक-दूसरे के धार्मिक स्थल तोड़े हैं। हिंदुत्व शब्द किसी भी ग्रंथ में नहीं मिलता है। सावरकर जी ने हिन्दुत्व शब्द अपने इस्तेमाल के लिए गढ़ा है। हिन्दुत्व शब्द से हिन्दुओं का कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि धर्म का उपयोग राजनीति के लिए किया जाए, हम उसके खिलाफ हैं। सत्य ही ईश्वर है। हम उसे ही मानते हैं। मैं धार्मिक प्रवृत्ति के विचारों वाले परिवार से हूं। पिताजी महात्मा गांधी से प्रभावित थे और मेरी मां धार्मिक प्रवृत्ति वाली थीं। उन्होंने यह भी कहा कि राजमाता विजयराजे सिंधिया ने उन्हें जनसंघ में आने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने साफ इनकार कर दिया था।
उल्लेखनीय है कि 2008 में हुए मालेगांव ब्लास्ट मामले की जांच के बाद जब गिरफ्तारियां हुईं तो दिग्विजय सिंह ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। इसी दौरान हिन्दू और भगवा आतंकवाद जैसे शब्द सामने आए थे।
दिग्विजय सिंह ने संघ के खिलाफ हमेशा ही कुछ न कुछ कहते रहते हैं। हाल ही में उन्होंने इंदौर में पार्टी के नवनियुक्त कार्यकर्ताओं-पदाधिकारियों के प्रशिक्षण में संघ की तुलना दीमक से की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि संघ कोई पंजीकृत संस्था नहीं है और न ही सदस्य बनाती है। दिग्विजय के इस बयान पर भाजपा नेताओं ने भी पलटवार करते हुए उन्हें कांग्रेस पार्टी में दीमक बता दिया था।
अब दिग्विजय सिंह के हिन्दुत्व वाले बयान पर शिवराज सरकार में मंत्री उषा ठाकुर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि उन्होंने कौन सा शास्त्र पढ़ा है, मैं नहीं जानती, जो सनातन है वही सत्य है। उषा ठाकुर ने कहा कि बाकी मजहब तो पैदा होते हैं, मरते हैं लेकिन जो सत्य सनातन परंपरा है, वह अनादिकाल से चली आ रही है। वेद वेदांत को नकारने वाले दिग्विजय सिंह कौन सा शास्त्र पढ़कर बात करते हैं। यह मेरी समझ से परे है। एजेंसी
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