भोपाल। नेशनल इंवेस्टिंगेशन एजेंसी (एनआईए) के पीएफआई पर कार्रवाई के बाद मध्य प्रदेश में सियासत तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) के पीएफआई और आरएसएस की तुलना करने पर पूर्व प्रोटेम स्पीकर और विधायक रामेश्वर शर्मा (Rameshwar Sharma) ने पलटवार किया है।
शर्मा ने कहा कि, दिग्विजय सिंह पीएफआई, आईएसआई और पाकिस्तान के एजेंट हैं। उनके दूत बनकर भारत के जनमानस की मानसिकता को भ्रमित करते हैं। अनर्गल प्रचार करते हैं। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ् की तुलना आतंकवादी संगठनों से करने लगते हैं। दिग्विजय सिंह का दिवालियापन निकल चुका हैं। शर्मा ने कहा कि उनको कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बनाया जा रहा है। इसलिए और थोड़े पागलपन के दौर से गुजर रहे हैं। शर्मा ने पीएफआई पर कार्रवाई को लेकर कहा कि न्यायप्रक्रिया के तहत पूरी जांच चल रही है। देश में अपराध करने की छूट किसी को नहीं दी जाएगी।
दिग्विजय सिंह ने शनिवार को जबलपुर में मीडिया से बातचीत में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया की तुलना आरएसएस से की थी। सिंह ने कहा था कि जो भी नफरत फैलाता है, वह सब एक ही थाली की चट्टे बट्टे हैं। उन्होंने पीएफआई पर कार्रवाई करने पर आरएसएस और वीएचपी पर भी कार्रवाई की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि हिंसा, घृणा, धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर कार्रवाई की जाना चाहिए।
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के पीएफआई के बैन करने की बात पर पूछे सवाल पर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि वे सिमी के सदस्य हैं। इसलिए कुछ कह रहे होंगे। बता दें आरिफ मसूद ने पीएफआई के देशविरोधी कारनामों को सार्वजनिक कर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि केंद्र सरकार और एनआईए के पास संगठन के देशविरोधी कारनामों को सार्वजनिक कर प्रतिबंध लगाना चाहिए। सरकार के प्रतिबंध नहीं लगाने के कारण प्रदेश और जिलों में उनके सदस्य बढ़ रहे हैं।
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