सीहोर: मध्यप्रदेश के सीहोर जिले (Sehore District) में कांग्रेस के बूथ कार्यकर्ता (congress booth worker) एवं मंडल की बैठक लेने पहुंचे कांग्रेस के पूर्व सीएम एवं राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) दिए कई बड़े बयान. दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेसी मंदिर एवं धार्मिक स्थलों पर जाते हैं तो भाजपा के लोगों को दर्द होता है, लेकिन अब मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) भी मस्जिद-मदरसों में जाने लगे हैं तो हमें भी दर्द होता है.
वहीं दिग्विजय सिंह ने ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लिए बिना ही उन पर निशाना साधा और कहा कि 2018 में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव (Madhya Pradesh Assembly Election) में कांग्रेस ने परिवर्तन किया, लेकिन कुछ लोग बिक गए. इनमें हमारे गरीब विधायक तो नहीं दिखे, लेकिन राजा महाराजा जमींदार (Raja Maharaja Zamindar) जैसे लोग बिक गए.
बता दें कि भोपाल से हुजूर विधायक रामेश्वर शर्मा पर भी दिग्गी ने कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि रामेश्वर शर्मा मेरे सामने अभी बच्चा है, मेरे सामने रामेश्वर शर्मा का कद बहुत छोटा है.साथ ही दिग्विजय सिंह ने संगठन को लेकर भी बड़ा बयान दिया. दिग्विजय सिंह ने कहा कि हमें स्वीकारने में बिल्कुल भी अफसोस नहीं है कि कांग्रेस संगठन कमजोर है. हम चुनाव वाले दिन वोटिंग वाले दिन बूथ मैनेजमेंट करने में असफल रहे हैं. यह हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है. कांग्रेस जैसे संगठन होना चाहिए वैसा नहीं है, लेकिन अब पीसीसी चीफ कमलनाथ ने बूथ मैनेजमेंट को लेकर रणनीति बनाई है. पुलवामा हमले पर जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक द्वारा उठाए गए सवाल पर कहा कि सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर के राज्यपाल थे. उन्होंने जब मोदी जी से कहा कि सेना को विमान से भेजे तब उन्हें भी चुप करा दिया गया था.
वहीं दिग्विजय सिंह ने अतीक अहमद हत्याकांड को लेकर कहा कि अतीक अहमद अपराधिक परिवार से था और माफिया की तरह काम करता था, लेकिन प्रश्न यह है कि अतीक अहमद पिछले दो माह से पुलिस कस्टडी में था. बार-बार कह रहा था कि मेरी जान चली जाएगी. फिर रात 10:00 बजे पुलिस अतिक को लेकर अस्पताल मेडिकल चेकअप कराने के लिए क्यों गई? जब पुलिस की गाड़ी अस्पताल के अंदर तक जा सकती थी तो फिर अतीक को अस्पताल के बाहर क्यों उतारा गया? फर्जी आईडी कार्ड लेकर पत्रकार बनकर अपराधी कैसे आ गए उनकी जांच क्यों नहीं की गई? गुलाम नबी आजाद को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि गुलाम नबी आजाद जब कांग्रेस में थे तब आजाद थे और उन्हें हम नबी बनाना चाहते थे, जब से कांग्रेस से गए हैं तब से वह गुलाम बनकर रह गए हैं.
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