भोपाल । ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) और उनके पूर्वजों पर गद्दारी के आरोप लगाना पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) को अब भारी पड़ सकता है। भाजपा ने दिग्विजय सिंह के पूर्वजों राघौगढ़ राजा बलभद्रसिंह (Raghogarh Raja Balbhadra Singh) पर हमला बोला है। पूर्वजों के अंग्रेजो के प्रति प्रेम होने के आरोप लगाए हैं और सोमवार को एक प्रमाण भी मीडिया को पेश किए हैं।
चचा जान के चेलों दादा जान के इस क़ुबूल नामे पर बोलती क्यों बंद है। pic.twitter.com/f2Rj3PKRvV
— Pankaj Chaturvedi (@pankaj4fitness) December 6, 2021
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी और दुर्गेश केसवानी ने दिग्विजय सिंह द्वारा सिंधिया और उनके परिवार को गद्दार कहे जाने पर पलटवार किया है। उन्होंने राघौगढ़ के राजा बलभद्र सिंह का एक पत्र लिखा है। भाजपा ने 16 सितंबर 1939 का बलभद्र सिंह का एक पत्र जारी किया है। इसमें बलभद्र सिंह ने अंग्रेजों के प्रति अपने परिवार के समर्पण और देश के साथ गद्दारी के बदले विशेष सुविधाओं की मांग की थी। भाजपा प्रवक्ताओं ने कहा है कि दिग्विजय सिंह को असत्य, अनर्गल और आधारहीन आरोप लगाने अधिकार नहीं है।
पत्र में पूर्वजों की सेवाओं का हवाला किया
प्रदेश प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने दिग्विजय सिंह से सवाल किया है कि जब पूरा देश आजादी की लडाई लड रहा था तो उऩके पिता स्व. बलभद्र की क्या भूमिका थी। क्या उन्होंने अंग्रेजों के प्रति समर्पण एवं देश के साथ गद्दारी के बदले विशेष सेवाओं और सुविधाओं की मांग नहीं की थी? चतुर्वेदी ने कहा कि स्व. बलभद्र ने पत्र में लिखा था कि ‘‘मेरे पूर्वजों ने 1779 में ब्रिटिश सरकार को भरपूर सेवाएं प्रदान की है और अब मैं आपको अपनी वफादारियों से अपनी सेवाएं प्रदान करना अपना धर्म समझता हूं’’। चतुर्वेदी ने कहा कि दिग्विजय के पिता बलभद्र द्वारा लिखा गया यह पत्र दिग्विजय के मुख्यमंत्रित्वकाल में ही 2002 में भोपाल में पुरातत्व विभाग द्वारा लगायी गयी प्रदर्शनी में भी रखा गया था।
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