भोपाल। गुजरात चुनाव के नतीजों के बाद भाजपा ने मप्र में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव का शंखनाद कर दिया है। सत्ता-संगठन के सीनियर लीडर्स ने गुजरात फॉर्मूला मप्र में भी लागू करने के संकेत दिए हैं। साथ ही 51 फीसदी वोट के साथ पहली बार 200 पार का नारा दिया है। इसके लिए डिजिटल बूथ योजना भाजपा की जीत की राह बनाएगी। साथ ही प्रदेश में परखी जा चुकी डिजिटल बूथ योजना को भाजपा देश के सभी राज्यों में लागू करेगी।
गौरतलब है कि 51 प्रतिशत वोट शेयर के साथ अजेय होने का संकल्प लेकर भाजपा ने 2023 के विधानसभा और 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए रणनीति पर अमल शुरू कर दिया है। मध्य प्रदेश में पार्टी ने कुशाभाऊ ठाकरे जन्मशती वर्ष में बूथ विस्तारक योजना तैयार की थी। इसके तहत बूथ स्तर पर काम की निगरानी और संदेश आदि पहुंचाने के लिए डिजिटल माध्यमों का उपयोग किया गया। इतना ही नहीं, बूथ स्तर तक कार्यकर्ताओं की जानकारी, उनसे जुड़े डेटा का डिजिटलाइजेशन भी किया गया। इसके अच्छे परिणाम देखकर पार्टी अखिल भारतीय स्तर पर इसके प्रशिक्षण की योजना बना रही है। इसमें मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित पन्ना प्रभारियों तक की जिम्मेदारियां तय की गई हैं। इसके तहत केंद्र एवं प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों से चर्चा कर भाजपा के पक्ष में अभी से माहौल बनाने की तैयारी है।
कार्यकर्ता को भी नई पहचान मिल सकेगी
पार्टी ने स्मार्ट बूथ पर जो काम शुरू किया है, उसके अनुसार अब बूथ स्तर के कार्यकर्ता को भी नई पहचान मिल सकेगी। पार्टी प्रदेश के 65 हजार बूथ अध्यक्ष, महामंत्री और बूथ एजेंट को पार्टी संगठन में विशेष तवज्जो देने जा रही है। भाजपा पिछले कुछ वर्षों में वृहद स्तर पर सदस्यता अभियानों के बाद खुद को विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक दल बताती आ रही है। इसका श्रेय किसी बड़े चेहरे या पदाधिकारियों के बजाय लाखों कार्यकर्ताओं को दिया जाता है, लेकिन उन्हें अलग से विशेष पहचान की कमी महसूस होती रही है। स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे। बूथ के तीन पदाधिकारियों अध्यक्ष, महामंत्री और बीएलए, जिन्हें संगठन में त्रिदेव की संज्ञा दी गई है, उन्हें स्मार्ट कार्ड दिए जाएंगे। इस पर यूनिक नंबर के साथ कार्ड पर उनका पूरा परिचय होगा। पन्ना प्रमुखों को भी विशिष्ट पहचान पत्र मिलेगा। पार्टी ने बूथ विस्तारक योजना के तहत बूथ समिति का अंकन रजिस्टर और संगठन में किया है। इसमें बूथ समिति, बूथ अध्यक्ष, बूथ महामंत्री और बीएलए सहित पूरी समिति और पन्ना प्रमुख पन्ना समिति के साथ ही मतदाताओं के नाम भी दर्ज हैं।
पन्ना की जगह लेंगे डिजिटल पेज
बूथ को डिजिटल बनाकर नेतृत्व करने वाले अध्यक्ष, महामंत्री और एजेंट सहित पन्ना प्रमुखों को अलग से विशेष कोड यानी पहचान दी जाएगी। इसका लाभ ये होगा कि कोड के जरिये पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री भी सीधे संपर्क कर सकेंगे। पार्टी मानती है कि इससे संगठन में नए नेतृत्व को उभरने का अवसर मिल सकेगा, वहीं चुनावों में बूथ स्तर पर मजबूती से जीत आसान होगी। मध्य प्रदेश में संगठन ने बूथ स्तर पर पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का डिजिटल डेटा तैयार कर लिया है। संगठन के अनुसार गृहमंत्री अमित शाह भी अहमदाबाद में एक विधानसभा क्षेत्र में पार्टी के पन्ना प्रमुख हैं। अब यही पन्ना डिजिटल पेज में बदल जाएगा। बूथ समिति के सदस्यों से डिजिटल बूथ की भौगोलिक एवं सामाजिक परिस्थितियों की जानकारी भी ली जा रही है। केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों से संवाद का प्रशिक्षण भी उन्हें दिया गया है। भाजपा प्रवक्ता डा. हितेष वाजपेयी का कहना है कि मप्र भाजपा का संगठन अपनी कार्यशैली के लिए विख्यात है। शिवराज जी, विष्णुदत्त जी और हितानंद जी के नेतृत्व में कम समय में संग डिजिटल बूथ का लक्ष्य प्राप्त किया है। केंद्रीय नेतृत्व ने हमारे प्रयास को सराहा है और इसको विस्तार दिया है। यह हमारे लिए गर्व की बात है।
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