इंदौर। इंदौर कमिश्नरेट (Indore Commissionerate) में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) करने वाले की पहचान कर विधिसंगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में क्राइम ब्रांच (Crime Branch) इंदौर की स्पेशल टीम को लगाया गया था।
इसी अनुक्रम में इंदौर क्राइम ब्रांच द्वारा संचालित NCRP पोर्टल पर 59 वर्षीय महिला इंदौर निवासी फरियादिया ने शिकायत की थी कि उन्हें अज्ञात ठग गैंग के द्वारा स्काइप एवं व्हाट्सएप वीडियो कॉल कर अलग–अलग शासकीय विभाग (CBI, RBI, पुलिस आदि) का अधिकारी बताकर मनीलोंडरिंग केस में जेल जाने का डर बताकर, फरियादी की निजी एवं बैंकिंग जानकारी प्राप्त करते हुए, बैंक अकाउंट, FD , शेयर्स आदि के रुपयों की जांच करने के नाम से ऑनलाइन 1 करोड़ 60 लाख रुपए प्राप्त करके फरियादी के साथ ऑनलाइन ठगी की गई उक्त शिकायत में क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा अपराध धारा 318(4), 308(2), 316(5), 111(4), 3(5) BNS के तहत् अपराध पंजीबद्ध करके सूरत (गुजरात) एवं मध्यप्रदेश के आरोपीगण (1). प्रतीक जरीवाला (2) अभिषेक जरीवाला, (3). चंद्रभान बंसल(4). राकेश कुमार बंसल,(5).विवेक रंजन उर्फ पिंटू गिरी निवासी जिला खेड़ा गुजरात, (6). अल्ताफ कुरैशी निवासी जिला आनंद ,(गुजरात) एवं बांग्लादेश , असम, बंगाल के बॉर्डर पर स्थित कुच बेहर के आरोपी (7). अभिषेक चक्रवर्ती निवासी कूच बेहर (पश्चिम बंगाल)को पूर्व में गिरफ्तार किया गया था।
उक्त फर्जी डिजिटल अरेस्ट प्रकरण में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ एवं अन्य तकनीकी जानकारी के आधार पर मध्य प्रदेश के आरोपी (8) रोहन शाक्य निवासी सीहोर (9) आयुष राठौर निवासी सिहोर, (10) निलेश गोरेले निवासी भोपाल, (11) अभिषेक त्रिपाठी निवासी भोपाल को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों से पूछताछ करते बताया कि रोहन शाक्य सीहोर का रहने वाला होकर फर्नीचर बनाने का काम करता है साथ ही आरोपी के द्वारा बैंक आँफ महाराष्ट्र मे अपना खाता खुलवाया और आनलाईन फ्रॉड के लिए अपना खाता कमीशन पर अपनी गैंग के अन्य साथी आयुष राठोर को उपलब्ध करवाया और फिर आयुष राठौर ने रोहन शाक्य का खाता निलेश गोरेले को दिया जिसने उक्त खाते को अभिषेक त्रिपाठी (भोपाल) को दी अभिषेक त्रिपाठी (भोपाल) ने यह एकाउंट की कड़ी को आगे बढ़ाते हुए उसे अपने अन्य साथियों को अन्य राज्यों में भेज दिया।
इस प्रकार उक्त आरोपियों द्वारा पूछताछ मे डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन ठग अंतराज्यीय गैंग के सदस्य के रूप में कार्य करते हुए, बैंक खाता उपलब्ध करवाने का कार्य किया जाता है और ऑनलाइन फ्रॉड का रुपया इन बैंक खातो मे प्राप्त कर ठगी को अंजाम दिया जाता है। आरोपियों ने मिलकर डिजिटल अरेस्ट ऑनलाइन ठगी गैंग के लिए कार्य करना स्वीकार किया है। क्राईम ब्रांच इंदौर पुलिस के द्वारा आरोपियों को गिरफ्तार कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर प्रकरण में पूछताछ व विवेचना के आधार पर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है।
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