इन्दौ। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह ने कल रेसीडेंसी कोठी में यह कहकर चौंका दिया कि जो कांग्रेसी नेता विधायक के दावेदार थे, उन्हें पार्षद का चुनाव लड़ाया जाएगा। यह सुनकर वहां खड़े कांग्रेस के बड़े नेता सकते में आ गए और बगलें झांकने लगे। दिग्गी ये कहकर तो भोपाल निकल गए, लेकिन अब ऐसे नेताओं में धुकधुकी बंधी है कि उन्हें पार्षद का टिकट दे दिया तो क्या इज्जत रह जाएगी।
कल रेसीडेंसी कोठी में कांग्रेसियों से घिरे दिग्विजयसिंह जब मंडी में होने वाले किसान आंदोलन के लिए जाने वाले थे, तभी एक कांग्रेसी ने कह दिया कि 20 साल से हमारी नगर निगम नहीं है। यह सुनते ही वे भडक़ गए और बोले कि तुम ये क्या मुझे बताओगे? उन्होंने कहा कि हमने मधुकर वर्मा को कैसे महापौर बनाया था ये हम जानते हैं। इस पर पुराने कांग्रेसी हां में हां मिलाने लगे। बात आरक्षण पर भी आई कि इन्दौर का महापौर सामान्य होगा या पिछड़ा तो उन्होंने कहा जो होगा वो देखेंगे। पार्षदों की बात निकली तो दिग्गी ने स्पष्ट कहा कि जितने नेता विधायक की दावेदारी कर रहे थे, उन सबको पार्षद का चुनाव लड़ाया जाएगा। दिग्गी का इशारा उन नेताओं की ओर था, जिनका क्षेत्र में आधार नहीं है और वे पिछले चुनाव में विधायक का टिकट मांग रहे थे। ये सुनकर नेता चौंक गए। वहां कुछ ऐसे नेता भी थे जो अभी तक पार्षद का चुनाव नहीं जीते, लेकिन सपने विधायकी के आ रहे थे। कुछ नेता बगलें झांकने लगे। इसी बीच अश्विन जोशी बोल उठे कि मैं तो तीन बार परीक्षा पास कर चुका हूं। इस पर दिग्गी ने हंसते हुए कहा कि जो एक्स एमएलए हैं, वो इसमें शामिल नहीं हैं। वहां खड़े नेताओं की सांसें भी ऊपर-नीचे हो गईं। अब दिग्गी का कहा निकाय चुनाव में कितना असर दिखाएगा, इसको लेकर कांग्रेस में नई चर्चा चल पड़ी है।
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