भोपाल: मध्य प्रदेश में हो रहे विधानसभा चुनाव (Assembly elections in Madhya Pradesh) में बीजेपी के सामने कांग्रेस से ज्यादा उसकी अपनी ही पार्टी के नेता चुनौती बनते दिख रहे हैं. भाजपा के उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद पार्टी के भीतर की कलह अब खुलकर सामने आने लगी है. बीजेपी के नेताओं ने जबरन थोपे गए उम्मीदवारों को लेकर विरोध करना शुरू कर दिया है. बीजेपी के एमपी विधानसभा के चुनाव अभियान समिति के संयोजक बनाए गए केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Union Minister Narendra Singh Tomar) के अपने ही संसदीय इलाके श्योपुर (parliamentary constituency sheopur) में पार्टी के नेताओं ने बगावत शुरू कर दी है.
मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत का सपना देखने वाली बीजेपी की जीत की राह इस बार आसन होती नहीं दिख रही क्योंकि बीजेपी के सामने कांग्रेस से ज्यादा उसके अपने ही नाराज नेता बगावती तेवर में बड़ी चुनौती भरे साबित हो सकते हैं. श्योपुर विधानसभा में पांचवी बार बीजेपी के पूर्व विधायक दुर्गालाल विजय को टिकट देते ही दुर्गालाल के खिलाफ भाजपा के बड़े नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया.
बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले बीजेपी के नेताओं ने टिकट बंटवारे को लेकर हुए पार्टी के सर्वे से लेकर चयन समिति पर सवाल उठाना शुरू कर दिए है. बीजेपी के विधानसभा चुनाव अभियान की कमान संभाल रहे केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के संसदीय इलाके श्योपुर में बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति सदस्यों ने खुलकर भाजपा उम्मीदवार दुर्गालाल के खिलाफ आवाज उठाना शुरू कर दिए हैं.
केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के सबसे करीबी माने जाने वाले श्योपुर विधानसभा से प्रबल दावेदार प्रदेश कार्यसमिति सदस्य महावीर सिंह सिसोदिया ने टिकट कटने के बाद पार्टी से दूरी बनाते हुए सर्वे पर सवाल खड़े किए हैं. दूसरी ओर पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रहे प्रदेश कार्यसमिति सदस्य दौलत राम ने भी टिकट बटवारे को लेकर हुए सर्वे पर पार्टी के शीर्ष नेताओं पर हमला बोलते हुए कहा इस बार श्योपुर में भाजपा कार्यकर्ताओ की नए चेहरे की मांग के बाद भी पार्टी ने पांच चुनाव लड़ने वाले 2018 का 42000 हजार वोटो से चुनाव हारे दुर्गालाल को टिकट दिया.
बीजेपी नेताओं का आरोप है कि इस बार टिकट की खरीद फरोख्त भी हुई है जिसके चलते संगठन के नेता और कार्यकर्ता भारी नाराज है. ग्वालियर चंबल में भाजपा के घोषित हुए उम्मीदवारों को लेकर नेताओं ने चुनाव से किनारा कर लिया है ऐसे में नेताओं की नाराजगी पार्टी उम्मीदवारों की जीत में रोड़ा खड़ा कर सकती है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved