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    वोटिंग के बाद फार्म 17सी को वेबसाइट पर अपलोड करना मुश्किल, विपक्ष के हंगामे पर SC से राहत नहीं

  • May 25, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)ने शुक्रवार को भारतीय निर्वाचन आयोग(election Commission of India) को मतदान खत्म(Voting is over) होने के 48 घंटे के भीतर वोटिंग का अंतिम आंकड़ा और मतदान का रिकार्ड(voting record) यानी फार्म 17सी को वेबसाइट पर अपलोड (upload to website)करके सार्वजनिक करने का आदेश देने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा है कि वह चुनाव प्रक्रिया के बीच में किसी भी तरह से हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं है। आइए जानते हैं कि आखिर यह फार्म 17सी क्या है जिसको लेकर इतना हंगामा मचा हुआ है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने भी हंगामा किया था।


    फॉर्म 17सी में देशभर के मतदान केंद्रों पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड होता है। इसमें ढेर सारी जानकारियां शामिल होती हैं। प्रत्येक मतदान केंद्र पर मतदाताओं का आवंटन, बूथ के हिसाब से मतदाताओं की कुल संख्या, वोट नहीं डालने वाले मतदाताओं की संख्या, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के माध्यम से डाले गए वोटों की कुल संख्या और पोस्टल बैलेट से डाले गए मतों की कुल संख्या की जानकारी होती है।

    फॉर्म 17सी के दूसरे हिस्से में उम्मीदवारों के नामों के साथ-साथ प्रत्येक को प्राप्त कुल वोटों का विवरण होता है। इसके अतिरिक्त, यह इस बात की जानकारी देता है कि दिए गए बूथ पर दर्ज किए गए वोट कुल डाले गए वोटों से मेल खाते हैं या नहीं।

    चुनाव आचरण नियम, 1961 के नियम 49एस और 56सी के तहत पीठासीन अधिकारी फॉर्म 17सी के भाग- I में दर्ज वोटों का लेखा-जोखा इकट्ठा करता है। वोटिंग के बाद पोलिंग एजेंट को भी एक कॉपी दी जाती है।

    फॉर्म 17सी का दूसरा हिस्सा मतगणना केंद्र के पर्यवेक्षक के द्वारा भरा जाता है। इसमें प्रत्येक उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि के हस्ताक्षर की आवश्यकता होती है। इसकी जांच रिटर्निंग अधिकारी द्वारा की जाती है।

    सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दीपांकर दत्ता और सतीश चंद्र शर्मा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा है कि चुनाव प्रक्रिया के संबंध में अदालत को ‘हैंड-ऑफ दृष्टिकोण’ अपनाना होगा। पीठ ने कहा कि चुनाव के दौरान व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह इस वक्त ऐसा कोई आदेश पारित नहीं कर सकती है क्योंकि चुनाव के पांच चरण संपन्न हो चुके हैं और महज दो चरण बाकी हैं। पीठ ने कहा कि इन तथ्यों को देखते हुए निर्वाचन आयोग के लिए लोगों को काम पर लगाना मुश्किल होगा।

    शीर्ष अदातल ने निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा

    भारतीय राजनीति और चुनाव प्रक्रिया पर नजर रखने वाली गैर सरकारी संस्था एसोशिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स (एडीआर) ने सुप्रीम कोर्ट में 2019 से लंबित अपनी याचिका में एक अर्जी दाखिल कर निर्वाचन आयोग को मतदान खत्म होने के 48 घंटे के भीतर बूथवार मतदान का प्रतिशत और मतदान का रिकार्ड (फार्म 17सी, भाग-1) को अपने वेबसाइट पर अपलोड करके इसे सार्वजनिक करने की मांग की है। शीर्ष अदातल ने 17 मई को इस याचिकाओं पर विचार करते हुए निर्वाचन आयोग से जवाब मांगा था।

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