भोपाल। केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन में वर्ष 2024 तक हर घर में नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। वहीं मप्र सरकार का कहना है कि वह 2023 लक्ष्य पूरा कर लेगी। राज्य सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है, लेकिन प्रदेश के 13 हजार से ज्यादा गांव ऐसे हैं, जहां घरों में नल से पानी पहुंचाने में मुश्किल आ रही है। दरअसल, ये गांव पहाड़ी पर बसे हैं और इनके आसपास पानी का कोई स्थाई स्रोत नहीं है। यही वजह है कि इन गांवों में नल से पानी की सप्लाई करना संभव नहीं है। प्रदेश में गांवों की संख्या करीब 55 हजार है। इस तरह लगभग 20 प्रतिशत गांवों में नल से पानी की सप्लाई कर पाना संभव नहीं है। प्रदेश में जल जीवन मिशन में ग्राम और एफएचटीसी (फंक्शनल हाउस होल्ड टेप कनेक्शन) कार्य योजना में 25 हजार 399 ग्रामों की समूह नल जल योजना में 9 हजार 351 कार्य प्रगति पर हैं। ऐसे ही कुल 26 हजार 186 ग्रामों की एकल ग्राम नल जल योजना में 8 हजार 176 कार्य प्रगति पर हैं। मप्र समेत देश के अन्य राज्यों में गांवों में लोगों को जल संकट का सामना करना पड़ता है। इससे सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान होती हैं, उन्हें हैंडपंप, कुओं, तालाबों से लंबी दूरी तय कर पानी ढोना पड़ता है। पीने के लिए भी लोग इसी पानी का उपयोग करते हैं, पानी गंदा होने की वजह से बीमारियां फैलती हैं।
42 हजार 643 करोड़ रुपए का प्रावधान
गांवों में जल संकट को दूर करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। इसका उद्देश्य पूरे देश के हर गांव में घर-घर तक नल से स्वच्छ जल पहुंचाना है। इस मिशन के तहत मध्य प्रदेश समेत सभी राज्यों में शत-प्रतिशत घरों में नल से जल सप्लाई का काम चल रहा है। मध्य प्रदेश में जल जीवन मिशन से हर गांव पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए करीब 42 हजार 643 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इसमें 50 प्रतिशत केंद्रांश और 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार द्वारा व्यय की जा रही है। अभी तक जिन 4 हजार से अधिक ग्रामों में मिशन की परियोजना लागू हुई है। उसके संचालन एवं संधारण का काम ग्राम स्तरीय जल एवं स्वच्छता समिति द्वारा किया जा रहा है। डेढ़ साल में 27.65 लाख परिवारों तक शुद्ध पेयजल पहुंचा है। सरकार की जल जीवन मिशन योजना में वित्त वर्ष 2021- 22 में केंद्रांश-राज्यांश की राशि के व्यय में मप्र 2,790 करोड़ की राशि का उपयोग कर प्रथम स्थान पर है। हर घर जल उपलब्ध करवाने में मध्यप्रदेश तीसरे स्थान पर है। प्रदेश में मई, 2020 से अब तक 27 लाख 65 हजार परिवारों को नल से जल उपलब्ध कराया गया है।
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