भोपाल। मप्र को कुपोषण के कलंक से मुक्त करने, महिलाओं में एनिमिया दूर करने और बच्चों को बौनापन की बीमारी से बचाने के लिए सरकार कवायद में जुटी हुई है। इसी के तहत प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में आयुर्वेदिक डॉक्टर और कर्मचारी लोगों की पारिवारिक पृष्ठभूमि (फैमिली हिस्ट्री) के आधार पर उनके लिए डाइट चार्ट (खान-पान के दिशा-निर्देश) तैयार करेंगे। इसके लिए सर्वे शुरू हो गया है। इसका उद्देश्य यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किसी परिवार में कोई रोग विशेष का प्रकोप रहा हो तो उनके खान-पान में सुधार कर उन लोगों को इसकी गिरफ्त में आने से बचाया जा सके। यह सब हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से किया जाएगा। केंद्र की योजना के तहत प्रदेश में 362 सेंटर खोले जाने हैं। यह सेंटर अभी संचालित हो रहे औषधालयों में ही शुरू किए जाएंगे। इनमें से 100 सेंटर का शुभारंभ एक फरवरी को किया जाएगा। आयुष मंत्रालय की योजना के तहत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोले जाने हैं। चयनित स्थानों पर सभी सेंटर 31 मार्च तक शुरू करने का लक्ष्य है। इन सेंटरों के माध्यम से औषधालयों को और अधिक सुविधायुक्त बनाया जाएगा। यहां लोगों को योग शिक्षकों के माध्यम से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। योग शिक्षकों की सेवाएं आउटसोर्स के माध्यम से ली जाएंगी। इसके अलावा इन सेंटरों का स्टाफ ग्रामीणों को आहार के बारे में जानकारी भी देगा। इसमें सर्वे के माध्यम से क्षेत्र में होने वाली बीमारियों के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। जिन परिवारों में तनाव, डायबिटीज जैसी बीमारियों का प्रकोप होगा, उनके लिए ऐसे आहार की सूची तैयार की जाएगी, जिससे बीमार स्वस्थ हो सकें और जो स्वस्थ हैं, वे इनसे बचे रहें।
औषधीय पौधों का भी वितरण
योजना के अनुसार, इन सेंटरों में हर्बल गार्डन भी विकसित किया जाएगा। जहां जगह की कमी के चलते ऐसा करना संभव नहीं होगा, वहां गमलों में औषधीय पौधे लगाए जाएंगे। इनके बारे में लोगों को जानकारी देने के साथ आवश्यकतानुसार इनका वितरण भी किया जाएगा। आधिकारिक जानकारी के अनुसार, यहां पैथालॉजी लैब भी खुलेगी। अभी इस सुविधा के अभाव में लोगों को काफी परेशानी होती है। मालूम हो, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खोलने की योजना ग्रामीण क्षेत्रों के लिए है। इसके लिए फंड केंद्र सरकार से ही मिलेगा। इन सेंटरों के संचालन के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
लोगों को दी जाएगी आहार की जानकारी
उप संचालक आयुष विभाग डॉ. पीसी शर्मा कहते हैं कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर खुलने से चिकित्सकीय सुविधाओं का विस्तार होगा। आहार के माध्यम से रोगों से बचाव की जानकारी भी लोगों को दी जाएगी। इनके लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण का कार्य जारी है। पहले चरण में 100 सेंटर खोलने की तैयारी पूर्ण हो चुकी है।
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