नई दिल्ली: इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल (Crude Oil Global Prices) और रिफाइनरी उत्पादों के दाम में आई तेजी के बाद केंद्र सरकार ने विमानन ईंधन (Windfall Profit Tax On ATF) और डीजल (Windfall Profit Tax On Diesel) के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को फिर से बढ़ाने का फैसला किया है. इसके अलावा सरकार ने घरेलू क्रूड ऑयल (Windfall Profit Tax On Domestic Crude Oil) पर भी टैक्स बढ़ाने का ऐलान किया है. ये बढ़े टैक्स आज यानी 01 सितंबर से प्रभावी हो गए हैं.
कल देर रात आया सरकारी नोटिफिकेशन
केंद्र सरकार ने यह फैसला फोर्थ फोर्टनाइटली रीव्यू (4th Fortnightly Review) में लिया है. इसकी जानकारी वित्त मंत्रालय ने बुधवार देर रात जारी एक नोटिफिकेशन के जरिए दी. सरकार के इस फैसले के बाद अब डीजल के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स बढ़कर 13.5 रुपये प्रति लीटर हो गया है. इससे पहले डीजल पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स 07 रुपये प्रति लीटर था. इसी तरह विमानन ईंधन के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को 02 रुपये से बढ़ाकर 09 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है. पिछली समीक्षा में सरकार ने डीजल के निर्यात पर विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को बढ़ा कर 07 रुपये प्रति लीटर कर दिया था. वहीं विमानन ईंधन के निर्यात पर शून्य विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स को बढ़ाकर 02 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था. अगस्त की शुरुआत में हुई दूसरी समीक्षा में डीजल पर एक्सपोर्ट टैक्स को घटाकर 05 रुपये प्रति लीटर कर दिया था और एटीएफ से टैक्स को हटा दिया गया था.
घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर इतना टैक्स
इस सप्ताह हुई चौथी समीक्षा में सरकार ने घरेलू क्रूड ऑयल के निर्यात पर लग रहे टैक्स को भी बढ़ाने का फैसला लिया. अब घरेलू क्रूड ऑयल के निर्यात पर 13,300 रुपये प्रति टन की दर से टैक्स लगेगा. अगस्त में हुई तीसरी समीक्षा में घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर टैक्स को 17,750 रुपये के बजाय घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. मार्जिन बढ़ने के चलते सरकार ने घरेलू क्रूड के निर्यात पर टैक्स को बढ़ाने का फैसला लिया है. ओपेक व उसके सहयोगी देश कच्चे तेल का उत्पादन घटाने की तैयारी में हैं, जिसके चलते ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है.
इस कारण लगता है विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स
ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल और पेट्रोल, डीजल, एटीएफ जैसे रिफाइनरी उत्पादों के दाम समय के साथ घटते-बढ़ते रहते हैं. अगर ग्लोबल मार्केट में डीजल, पेट्रोल और एटीएफ आदि के दाम घरेलू बाजार से ज्यादा हों, तो रिफाइनरियां निर्यात बढ़ाने लगती हैं, ताकि उन्हें ज्यादा मुनाफा हो. सरकार इस पर लगाम लगाने और घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगा देती है. यही हिसाब क्रूड ऑयल के मामले में भी लागू होता है. वहीं जब ग्लोबल मार्केट में इनके भाव कम हो जाते हैं, तो कंपनियां खुद ही एक्सपोर्ट कम करने लगती हैं. ऐसी स्थिति आने पर सरकार विंडफॉल टैक्स को कम करने या हटाने का फैसला लेती है.
जुलाई में सरकार ने पहली बार लगाया टैक्स
सरकार ने सबसे पहले इस साल 01 जुलाई को विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स लगाने का फैसला लिया था. उस समय ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल व अन्य पेट्रोलियम उत्पादों के दाम चरम पर थे. हालांकि उसके बाद से अब तक इनके दाम में काफी गिरावट आई है. क्रूड ऑयल तो अभी करीब 06 महीने के निचले स्तर पर आ चुका है. उस समय सरकार ने पेट्रोल पर 06 रुपये प्रति लीटर, एटीएफ पर 06 रुपये प्रति लीटर, डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर और क्रूड ऑयल पर 23,250 रुपये प्रति टन की दर से टैक्स लगाया था.
इससे पहले तीन बार हो चुकी है समीक्षा
इसके बाद सरकार ने 20 जुलाई को विंडफॉल प्रॉफिट टैक्स की पहली समीक्षा की थी. पहली समीक्षा में पेट्रोल के एक्सपोर्ट पर टैक्स को हटा दिया गया था. वहीं डीजल और एटीएफ के मामले में टैक्स को 02-02 रुपये घटाकर क्रमश: 11 रुपये और 04 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया था. घरेलू क्रूड ऑयल पर भी टैक्स को घटाकर 17,000 रुपये प्रति टन किया गया था. इस महीने की शुरुआत में 02 अगस्त को दूसरी समीक्षा हुई थी. इसमें सरकार ने डीजल पर एक्सपोर्ट टैक्स को घटाकर 05 रुपये प्रति लीटर कर दिया था, जबकि एटीएफ पर टैक्स को हटा दिया गया था. वहीं क्रूड ऑयल के मामले में टैक्स को बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. 19 अगस्त को हुई तीसरी समीक्षा में डीजल पर टैक्स को बढ़ाकर 07 रुपये प्रति लीटर किया गया और एटीएफ के एक्सपोर्ट पर 02 रुपये प्रति लीटर का टैक्स लगाया गया. घरेलू क्रूड ऑयल के एक्सपोर्ट पर टैक्स को घटाकर 13,000 रुपये प्रति टन कर दिया गया था. वहीं पेट्रोल पर जीरो विंडफॉल टैक्स को बरकरार रखा गया था.
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