- आशा की वैक्सीन को लेकर भारी निराशा
इन्दौर। 24 घंटे में जहां 28 नए कोरोना मरीज मिले और उपचाररत मरीजों की संख्या 280 ही रह गई है, दूसरी तरफ फ्रंट लाइन वर्कर को कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान चल रहा है, लेकिन 60 फीसदी से अधिक लोग नहीं पहुंचे और आज भी 9 हजार को वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है। आईजी-डीआईजी सहित आला पुलिस अधिकारियों ने भी वैक्सीन लगवाए।
पहले 30 फीसदी स्वास्थ्यकर्मियों ने वैक्सीनेशन से इनकार किया, तो अब यही स्थिति पुलिस, प्रशासन, निगम और अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों की नजर आ रही है। लगभग 30 हजार फ्रंट लाइन वर्करों को इन दिनों वैक्सीन लगाए जा रहे हैं, लेकिन कल भी 57 फीसदी ही वैक्सीन लग सके। आज 80 टीमें 9 हजार को वैक्सीन लगाने मौजूद रहेगी। कल आईजी हरिनारायणचारी मिश्र, डीआईजी मनीष कपूरिया सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने वैक्सीन लगवाए। वहीं प्रशासन, निगम के अधिकारी भी इसमें शामिल हुए। बावजूद इसके 40 फीसदी वैक्सीनेशन ही अब तक हुआ है।
फार्म भरवा रहे हैं टीका लगवाने वालों से
फ्रंटलाइन वर्कर्स को सोमवार से टीका लगना शुरू हुआ है। अब तक 12 हजार से अधिक लोगों को टीका लग चुका है। टीका लगाने वाली भारत सरकार ने एक फार्म भी दिया है, जिसमें वैक्सीन लगाने के बाद यदि किसी को सात दिन के अंदर किसी तरह की तकलीफ होती है तो उसे उसमें बताना होगा। फार्म में वैक्सीन लगवाने वालों का नाम-पता, मोबाइल नंबर और जिस डॉक्टर ने टीका लगाया उसका भी नाम दर्ज हो रहा है। साथ ही फार्म का एक भाग टीकाकरण केंद्र पर जमा होता है और दूसरा टीकाधारी को दिया जा रहा है। इसमें उनसे टीका लगाने के बाद यदि कोई तकलीफ होती है तो उसके आगे निशान लगाने को कहा गया है। यह प्रयोग पहली बार हो रहा है। जब स्वास्थ्यकर्मियों को टीके लगाए गए थे, उनसे किसी तरह का फार्म नहीं लिया गया था। टीका लगाने के सात दिन के अंदर यदि बुखार, सिरदर्द, लाल निशान, हाथ में दर्द, जकडऩ, ठंड लगना या अन्य किसी भी प्रकार की तकलीफ होती है तो उस फार्म में दिए गए बीमारी के कॉलम के आगे निशान लगाना होगा। यदि ज्यादा तकलीफ हो तो संबंधित डॉक्टर से भी संपर्क कर सकते हैं। डॉक्टर का नंबर भी फार्म पर दिया जा रहा है। यह कन्सर्ट फार्म है, इसमें और भी स्टडीज होनी हैं नोडल अधिकारी डॉ. अमित मालाकर ने बताया कि यह एक कन्सर्ट फार्म है। जिस भी व्यक्ति को को-वैक्सीन लगाई जा रही है, उससे यह भरवाया जा रहा है। भारत सरकार ने को-वैक्सीन के साथ यह भेजा है। इसके माध्यम से इस वैक्सीन को लगाने के बाद लोगों को किस तरह की तकलीफ हो रही है, यह पता लगाना है। आधा घंटा भी रुकने को तैयार नहीं टीका लगवाने वाले वैक्सीन लगवाने आने वालों से फार्म भरवाया जा रहा है, लेकिन कई लोग तो स्वयं भर ही नहीं पा रहे हैं, जिसके कारण डॉक्टर या एएनएम कार्यकर्ता को ही भरना पड़ रहा है। इससे अब वैक्सीनेशन में थोड़ा अधिक समय लग रहा है। वैक्सीन लगवाने के बाद लोगों को आधा घंटा रुकने के लिए कहा जाता है, लेकिन कई टीकाधारी लोग इतनी देर भी नहीं ठहरते और जल्दी जाने को लेकर बहाने बनाने लगते हैं।