संयुक्त राष्ट्र: काबुल पर तालिबान के नियंत्रण (Taliban Control on Kabul) के बाद भारत समेत कई देशों के नागरिक वहां फंसे हुए हैं. इस बीच भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा कि भारत अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर ‘काफी सावधानीपूर्वक’ नजर रख रहा है और नई दिल्ली का ध्यान युद्धग्रस्त राष्ट्र से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी पर है.
UN और अमेरिका के साथ चर्चा कर रहा भारत
एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में शांति रक्षा पर खुली चर्चा की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘अफगानिस्तान की स्थिति यहां मेरी वार्ताओं के केंद्र में है. संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य सहयोगियों के साथ ही अमेरिका के विदेश मंत्री से भी इस पर चर्चा कर रहा हूं.’ बता दें कि भारत अगस्त महीने के लिए सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है.
‘नागरिकों की वापसी पर भारत सरकार की नजर’
विदेश मंत्री ने ‘पीटीआई’ के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘इस वक्त हम दूसरों की तरह ही अफगानिस्तान में बदलते घटनाक्रम पर सावधानीपूर्वक नजर बनाए हुए हैं. हमारा ध्यान अफगानिस्तान में सुरक्षा सुनिश्चित करने और वहां मौजूद भारतीयों की सुरक्षित वापसी पर है.’
अफगानिस्तान की स्थिति पर UNSC की आपातकालीन बैठक
विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) सोमवार को न्यूयॉर्क पहुंचे थे, क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने अफगानिस्तान की स्थिति पर आपातकालीन बैठक की. दस दिनों के अंदर संयुक्त राष्ट्र के शक्तिशाली निकाय ने युद्धग्रस्त देश की स्थिति पर चर्चा के लिए भारत की अध्यक्षता में यह दूसरी बैठक की. जयशंकर ने अफगानिस्तान की स्थिति पर यहां संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात के दौरान और अन्य द्विपक्षीय बैठकों में चर्चा की है.
क्या भारत ने हाल में तालिबान से की है बात
अफगानिस्तान में पिछले दो दशकों में भारत द्वारा किए गए निवेश से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में जयशंकर ने कहा, ‘आपने निवेश शब्द का इस्तेमाल किया. मेरा मानना है कि इससे अफगान लोगों के साथ हमारे ऐतिहासिक संबंधों का पता चलता है.’ उन्होंने कहा, ‘अभी हमारा ध्यान वहां (अफगानिस्तान) मौजूद भारतीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर है.’ यह पूछे जाने पर कि क्या भारत ने हाल में तालिबान से कोई बात की है, जयशंकर ने कहा, ‘इस समय, हम काबुल में हो रहे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं.’ उन्होंने कहा, ‘स्पष्ट है कि तालिबान और उसके प्रतिनिधि काबुल आ चुके हैं, इसलिए मुझे लगता है कि हमें चीजों को वहां से शुरू करने की जरूरत है.’
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