नई दिल्ली: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव (presidential election in america) का काउंटडाउन शुरू हो गया है. 5 नवंबर को अमेरिका में नए प्रसिडेंट (new president of america) चुने जाने के लिए वोटिंग होनी है और इसके कुछ घंटे बाद ही साफ हो जाएगा कि वहां के लोगों ने डोनाल्ड ट्रंप और कमला हैरिस में से किस पर भरोसा जताया है. इस बीच Elon Musk, जो दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक हैं, उन्होंने अमेरिकी चुनाव में खुलकर डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन किया है. मस्क के लिए यह चुनाव सिर्फ राजनीतिक समर्थन का मामला नहीं है; बल्कि इसमें उनकी कई बड़ी कंपनियों और अरबों डॉलर का दांव भी लगा है.
मस्क की कंपनियों SpaceX और Tesla को अमेरिकी सरकार से बड़े-बड़े कॉन्ट्रैक्ट्स और सब्सिडी मिलती हैं, जो चुनावी नतीजों पर काफी हद तक निर्भर होगी. X के मालिक मस्क अक्सर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ट्रंप के समर्थन में पोस्ट करते हैं, जहां उनके 202 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स हैं. इसके आलावा अमेरिकी सरकारी दस्तावेजों से मालूम पड़ता है कि उन्होंने जुलाई से सितंबर के बीच ट्रंप के समर्थन में लगभग 75 मिलियन डॉलर का फंड भी दान किया है.
ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मस्क ने ट्रंप का समर्थन क्यों किया है और कैसे ये चुनाव उनकी कंपनियों के भविष्य को प्रभावित कर सकता है. मस्क की SpaceX और टेस्ला जैसी कंपनियों को अमेरिका की सरकार से भारी कॉन्ट्रैक्ट्स मिलते हैं. स्पेसएक्स को NASA से 843 मिलियन डॉलर और यूएस स्पेस फोर्स से 700 मिलियन डॉलर के ठेके मिले हैं. ट्रंप की जीत मस्क को सरकारी प्रोजेक्ट्स में प्राथमिकता दिला सकती है.
टेस्ला को अमेरिकी सरकार से अरबों डॉलर की सब्सिडी मिली है, ताकि वह कार्बन इमीशन को नियंत्रित कर सके. Elon Musk ट्रंप के जरिए इस सब्सिडी को बनाए रखने की उम्मीद कर सकते हैं. मस्क की कंपनियां कई सरकारी एजेंसियों के साथ विवादों में उलझी हैं. टेस्ला की सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक पर NHTSA द्वारा जांच की जा रही है. ट्रंप के सत्ता में आने से इन जांचों पर मस्क को राहत मिल सकती है. इसके अलावा मस्क के लिए ट्रंप प्रशासन उनके बिजनेस पर लगे नियामक दबाव को कम कर सकता है. यह उनके कानूनी मामलों को भी हल करने में मददगार साबित हो सकता है.
मस्क ने महत्वपूर्ण राज्यों के वोटर्स के लिए एक मिलियन डॉलर रोजाना देने की घोषणा की है, जो कि उन्हें ट्रंप के पक्ष में वोट देने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है. हालांकि, इस योजना पर कानूनी विवाद भी शुरू हो चुका है. मस्क के गिवअवे में शामिल होने के लिए वोटर्स को एक याचिका पर साइन करना होता है, जिससे उनका राजनीतिक एजेंडा भी आगे बढ़ता है.
अगर मस्क सरकार में कोई प्रमुख भूमिका निभाते हैं, तो उन्हें टैक्स में छूट मिल सकती है. इससे उन्हें अरबों डॉलर की टैक्स सेविंग होगी, जो उनके बिजनेस के लिए एक बड़ी राहत की बात होगी. साथ ही मस्क के लिए ट्रंप के समर्थन से अमेरिकी सरकार के साथ उनके संबंध और मजबूत हो सकते हैं, जो भविष्य में उनकी कंपनियों के लिए लाभकारी हो सकता है.
मस्क और ट्रंप के विचार डिरेग्यूलेशन और इमिग्रेशन जैसे मुद्दों पर मिलते हैं. इससे मस्क को ट्रंप का समर्थन करने में निजी तौर पर भी फायदा हो सकता है. साथ ही मस्क की स्पेसएक्स और टेस्ला जैसी कंपनियां अमेरिकी सरकार के साथ बहुत करीब से जुड़ी हुई हैं. ट्रंप की जीत से इन कंपनियों के हित सुरक्षित रह सकते हैं.
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