नई दिल्ली (New Delhi)। आसियान महासचिव डॉ काओ किम होर्न (ASEAN Secretary General Dr Kao Kim Horn) ने कहा, दक्षिण चीन सागर (South China Sea) से संबंधित मामलों पर आसियान सदस्यों (ASEAN members) का नजरिया एक समान है। उन्होंने कहा कि विवादों को सुलझाने के लिए देशों को चीन के साथ द्विपक्षीय बातचीत करने की जरूरत है। भारत की आधिकारिक यात्रा पर पहुंचे महासचिव काओ किम ने कहा, दक्षिण चीन सागर में हालात को कैसे प्रबंधित किया जा सकता है, इस बात पर आसियान गंभीरता से विचार कर रहा है।
बता दें कि दक्षिण चीन सागर (South China Sea) अंतरराष्ट्रीय व्यापार (international trade) की सबसे महत्वपूर्ण समुद्री लाइनों में से एक है। इसे प्राकृतिक संसाधनों से समृद्ध माना जाता है। समुद्री इलाकों पर पर चीन व्यापक दावे करता है। इस कारण मलेशिया , ब्रुनेई , इंडोनेशिया, फिलीपींस और वियतनाम सहित प्रतिस्पर्धी दावेदार कथित रूप से नाराज हैं। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन ( आसियान ) के सदस्यों में वियतनाम , मलेशिया, फिलीपींस, इंडोनेशिया और ब्रुनेई शामिल हैं।
भारत को हिंद- प्रशांत क्षेत्र की एक बड़ी ताकत बताते हुए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन- आसियान के महासचिव काओ किम होर्न ने कहा, दोनों पक्षों के बीच सहयोग और सहकारिता के क्षेत्रों में समुद्री सुरक्षा प्रमुखता से शामिल है। होर्न ने कहा, समुद्र के क्षेत्र में भारत और आसियान के साझा हित हैं और दोनों सहयोग के उन क्षेत्रों में भी काम कर सकते हैं, जो अब तक अनछुए हैं। होर्न ने पांच दिवसीय भारत यात्रा के अंतिम दिन बुधवार को नई दिल्ली में विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात की।
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