नई दिल्ली। डायबिटीज (diabetes) के मरीज, जो मेटफॉर्मिन की गोलियों का नियमित रूप से सेवन करते हैं, उन्हें नियमित अंतराल पर अपने विटामिन B12 के स्तर की जांच करनी चाहिए. यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) की स्वास्थ्य एजेंसी ने एक एडवाइजरी में यह बात कही है. यह चेतावनी भारतीय संदर्भ में भी प्रासंगिक है, क्योंकि देश को ‘दुनिया की मधुमेह राजधानी’ के रूप में जाना जाता है. वैश्विक स्तर पर मधुमेह रोगियों की कुल संख्या का 17% हिस्सा भारत में मौजूद है.
2021 में जारी एक अनुमान के मुताबिक, भारत (India) में करीब 8 करोड़ लोग डायबिटीज से ग्रसित हैं और 2045 तक यह संख्या बढ़कर 13.5 करोड़ होने की उम्मीद है. मेटफॉर्मिन(metformin) भारत सहित दुनिया भर में सबसे अधिक इस्तेमाल की जाने वाली एंटी डायबिटिक दवाओं में से एक है. क्योंकि यह टाइप 2 डायबिटीज मेलिटस वाले लोगों में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है.
शरीर में कैसे काम करती है मेटफॉर्मिन दवा?
20 जून की एडवाइजरी में कहा गया है, ‘इसलिए हम मेटफॉर्मिन के साथ इलाज कर रहे रोगियों में विटामिन बी12 सीरम के स्तर की जांच करने की सलाह दे रहे हैं, जिनमें विटामिन बी12 की कमी के लक्षण हैं. हम यह भी सलाह देते हैं कि विटामिन बी12 की कमी वाले रोगियों के स्वास्थ्य की नियमित समयांतराल पर निगरानी की जानी चाहिए.’ मेटफॉर्मिन एक एंटी डायबिटिक दवा है जो लीवर में ग्लूकोज के उत्पादन को कम करती है, आंतों से शर्करा (ग्लूकोज) के अवशोषण में देरी करती है और इंसुलिन के प्रति शरीर की संवेदनशीलता को बढ़ाती है.
फोर्टिस सी डीओसी (Fortis C DOC) संस्था के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. अनूप मिश्रा के अनुसार, ‘मेटफॉर्मिन एक महत्वपूर्ण दवा है और लगभग 80 प्रतिशत मधुमेह रोगियों को दी जाती है. मेटफॉर्मिन शरीर में बी12 के स्तर को कम करता है, यह भारतीय संदर्भ में अधिक प्रासंगिकता रखता है. क्योंकि भारतीय शाकाहारियों में बी12 की कमी होने की अधिक संभावना होती है. इसलिए सभी डॉक्टरों को मेटफॉर्मिन का उपयोग करने वाले मधुमेह रोगियों के बी12 लेवल की जांच अवश्य करनी चाहिए.’
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