छतरपुर (Chhatarpur)। मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम सरकार के धीरेंद्र शास्त्री (Dhirendra Shastri of Bageshwar Dham Government) अपने बयानों के लिए खूब चर्चा में रहते हैं। उनका मानना है कि वो भारत को हिंदू राष्ट्र (India is a Hindu nation) बनाकर रहेंगे और इस पर कई बार खुलकर अपनी बात रख चुके । एक बार फिर आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा है कि वह कोई स्टार नहीं हैं। वह बस एक सनातनी सिपाही की पहचान चाहते हैं, जो कि धर्म के जरिए लोगों को जागरूक कर सके। उन्होंने इस दौरान बताया कि वह धर्मगुरु, कथावचक और ज्योतिषी आदि में से क्या हैं। साथ ही अपनी पढ़ाई और शादी से लेकर पॉलिटिक्स पर भी खुलकर बात की।
शास्त्री ने एक इंटरव्यू में बताया कि मैंने 12वीं की पढ़ाई रेग्युलर की थी। फिर बीए (संस्कृत में) प्राइवेट से किया। आगे शास्त्री बने। हालांकि, पढ़ाई जारी है और मैं संस्कृत या फिर हिंदी से एमए करना चाहता हूं। यह पूछे जाने पर कि आप धर्मगुरु, कथावचक या ज्योतिषी में क्या हैं? उन्होंने जवाब दिया, “मल्टी (बहुमुखी प्रतिभा के धनी)। मुझे जो जिस दृष्टि से देखे, मैं उसके लिए वह हूं। मैं कथा भी कहता हूं। धर्म पर लोगों को जगाता हूं।”
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि महाराज कहलवाने में अच्छा लगता है। चूंकि, यह शब्द मैं बचपन से सुनता आ रहा हूं, इसलिए यही क्लिक करता है। इसके पीछे कोई तथ्य नहीं है, पर मुझे बाबा अच्छा नहीं लगता है। यह तो बिल्कुल नहीं चलेगा। मुझे महाराज या आचार्य कहें तो ही अच्छा है और मैं सनातनी सिपाही की पहचान चाहता हूं।
शास्त्री के पास 98% लोग निजी हित, परिवार हित और कारोबार हित को लेकर अर्जी-सवाल लेकर आते हैं, जबकि सिर्फ दो फीसदी लोग ही सनातन, हिंदू, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मसलों पर सवाल करते हैं। आगे यह पूछे जाने पर कि आप अंदर से बीजेपी से जुड़े हैं? उन्होंने जवाब दिया- मैं सबके लिए मंगल कामना करता हूं। जिसका मुझसे मेल मिलता है, वह अलग बात है, पर मैं सनातन की बात करता हूं।
पत्रकार ने जब यह पूछा कि अगले साल (लोकसभा चुनाव में) किसकी सरकार आएगी? उन्होंने बताया कि इसके लिए धाम में अर्जी लगाई जानी चाहिए। नरेंद्र मोदी के फिर पीएम बनने और मध्य प्रदेश में नई सरकार के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि राजनीति पर वह बयान नहीं देंगे। पॉलिटिक्स पर कुछ नहीं बोलेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि उधर उनका ध्यान और ज्ञान नहीं है। हालांकि, वह यह जरूर बोले कि जो राष्ट्र और प्रदेश का हित करे, उसे बनना चाहिए।
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