नई दिल्ली (New Delhi)। कांग्रेस सांसद धीरज प्रसाद साहू (Dheeraj Prasad Sahu) के परिसरों से बड़े पैमाने पर नकदी की बारामदगी का मामला (cash recovery case) गरमाया हुआ है। एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) इसे लेकर हमलावर है, वहीं कांग्रेस अपने नेता से पल्ला छाड़ते नजर आ रही है। धीरज प्रसाद साहू के पास समृद्ध और समावेशी समाज बनाने का दृष्टिकोण है, जहां सभी नागरिकों को सफल होने का समान अवसर मिले। साहू की वेबसाइट पर उनकी प्रोफाइल में यह बात लिखी हुई है। अब इसे व्यंग्यात्मक पंक्ति के तौर पर भी देखा जा रहा है। मालूम हो कि बीते चार दिनों में आयकर अधिकारियों को साहू के परिसरों से करीब 300 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए हैं।
धीरज साहू पिछले 14 बरसों से राज्यसभा में कांग्रेस सांसद हैं। नकदी मामले में आज कांग्रेस भले ही साहू से दूरी बना रही हो मगर पार्टी के लिए वह कभी बहुत खास हुआ करते थे। साहू का राजनीतिक सफर लंबा रहा है। साल 1978 में ही वह रांची यूनिवर्सिटी से पढ़ाई-लिखाई के दौरान NSUI से जुड़ गए। इसके बाद उन्हें जिला कांग्रेस कमिटी में शामिल किया गया। पार्टी आलाकमान से उन्हें कितनी अहमियत मिलती रही, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मई 2009 में लोकसभा चुनाव में हार के बावजूद वह संसद पहुंच गए। दरअसल, झारखंड की चतरा सीट से साहू कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव में खड़े हुए मगर उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। हालांकि, पार्टी ने उनका साथ नहीं छोड़ा और एक महीने बाद ही जून में उन्हें राज्यसभा सांसद बना दिया।
भ्रष्टाचार का यह ‘एटीएम’ गांधी परिवार में किसका: स्मृति
केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने धीरज प्रसाद साहू के परिसर से बेहिसाब नकदी की बरामदगी पर तंज कसा है। उन्होंने शनिवार को कहा भ्रष्टाचार का यह ‘एटीएम’ गांधी परिवार में किसका है, इस सवाल के जवाब का इंतजार रहेगा। वहीं, जांच अधिकारियों ने बताया कि बौध डिस्टिलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़ी संस्थाओं के खिलाफ आयकर विभाग के छापे में अब तक भारी मात्रा में नकदी बरामद की गई है। ये छापे साहू से जुड़े परिसरों में भी मारे गए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि जब्त की गई रकम 290 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है जो किसी भी एजेंसी की ओर से एक ही अभियान में बरामद किए गए काले धन का अब तक का सबसे बड़ा भंडार होगा।
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