नई दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में देश के स्कूलों में हुए बदलाव के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि 2013-14 एकेडमिक इयर से 2023-24 में स्कूलों की संख्या देश में बढ़ी है. पहले 52 प्रतिशत स्कूल में इलेक्ट्रिसिटी होती थी, जो अब बढ़कर लगभग 92 प्रतिशत तक हो गई है.
उस समय 41.2 प्रतिशत स्कूलों में कम्प्यूटर की सुविधा थी जो अब बढ़कर 52.1 हो गई है. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा जंप इंटरनेट की दुनिया में हुआ है. डिजिटल वर्ल्ड में इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है ऐसे में 2013 में 7.4 प्रतिशत इंटरनेट की सुविधा थी, जो अब 54 प्रतिशत तक पहुंच गई है. हम देश के सभी स्कूलों में केबल कनेक्शन को भी पहुंचाने की कोशिश करेंगे.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्किल एजुकेशन पहले एक वोकेशनल एजुकेशन के नाम पर था. इसे हमने नया प्रारूप देकर स्किल एजुकेशन रखा है. इस बार के सेशन से क्लास 6 में स्किल को एक सब्जेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. एनसीआरटी को सीबीएससी में पढ़ाया जाता है. इसके अलावा अलग-अलग स्टेट्स में भी इसका वहां के कॉन्टेक्सट में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
अगले एकेडमिक इयर मे 15 करोड़ किताबों को छपाने की तैयारी की गई है. सस्ती किताबें प्रकाशित करने से अगले शैक्षणिक वर्ष में छात्रों पर कोई वित्तीय बोझ नहीं पड़ेगा, एनसीईआरटी ने इन प्लेटफार्मों पर एमआरपी पर अपनी किताबें बेचने के लिए अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं.
उन्होंने कहा कि कोचिंग सेंटर तो ठीक है लेकिन, हमारी ये कोशिश रहेगी कि बच्चे स्कूल में ही बेहतर शिक्षा पा सकें. उन्होंने कहा कि हमारे केंद्रीय विद्यालय इसपर खरे भी उतरे हैं. 4 दिसंबर 2024 तक, NAS के तहत 23 लाख, 87 हजार से अधिक स्कूलों का एक विशाल नमूना आकार सर्वेक्षण किया गया. जिला स्तर पर एक और सर्वेक्षण NAS के तहत आयोजित किया जाएगा जो हमें उनके बारे में समझने में मदद करेगा.
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