भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar ) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey ) रविवार को 59वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 20 अधिकारियों की टीम 40 श्रमिकों के साथ सुबह साढ़े आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब साढ़े आठ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर चल रहे सर्वे के 59वें दिन मजदूरों की संख्या बढ़ाई गई थी। इसके चलते मिट्टी हटाने का काम तेज गति से हुआ। रविवार को भोजशाला के पीछे पश्चिमी भाग स्थित एक खेत में खुदाई के दौरान जमीन के अंदर दीवारनुमा संरचना का हिस्सा नजर आया। यह संरचना कुछ दिन पहले मिली दो दीवारों से अलग है। इसके अलावा भोजशाला में खुदाई के दौरान नक्काशी वाले पत्थर के पांच टुकड़े भी मिल हैं। इस दौरान वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी जारी रही। एएसआई की टीम द्वारा अवशेषों की क्लीनिंग और ब्रशिंग के साथ उनकी नंबरिंग भी की गई।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि एएसआई द्वारा भोजशाला में मिली दीवारों की नींव के बारे में जानने के लिए उसके पीछे एक खेत में खुदाई कराई गई। यह खेत एक कृषक का है, जो हाईकोर्ट के सर्वे के आदेश के तहत 50 मीटर की परिधि में आता है। भोजशाला की नींव की खुदाई के दौरान ही इस खेत में जमीन के अंदर दीवारनुमा संरचना का पता लगा है। अब दीवार की एक और संरचना मिलने से व्यापक स्तर पर खुदाई की आवश्यकता होगी। वहीं, खुदाई के दौरान भोजशाला के उत्तरी भाग में नक्काशी वाले पत्थर के पांच अलग-अलग टुकड़े भी मिले हैं। इन सभी टुकड़ों को सुरक्षित किया गया है।
उल्लेखनीय है कि उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर भोजशाला में 22 मार्च को सर्वे शुरू हुआ था। सोमवार को इस सर्वे को दो माह (60 दिन) पूरे हो जाएंगे। एएसआई को 27 जून तक सर्वे पूरा कर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करना है।
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