धार। जिले में आरईएस विभाग सरदारपुर द्वारा लॉकडाउन के दौरान बनाए गए तालाबों की पोल खुल रही है। केंद्र व राज्य सरकारों के द्वारा किसानों के हित में जल संवर्धन के लिए महात्मा गांधी रोजगार योजना अंतर्गत लगभग एक करोड़ की लागत से निर्मित ग्राम पंचायत मौलाना में छपरी वाला नाला व चोटिया बालोद के झारखाडा वाला नाला निस्तार तालाब बनाये थे। बीते तीन दिन में लगातार हुई तेज बारिश से निस्तार तालाब फूट गया।
पूरे मामले में योजना के एसडीओ उपयंत्री और ठेकेदार द्वारा उक्त तालाबों का निर्माण किया। जिसको लेकर स्थानीय लोगों व मीडिया द्वारा घटिया निर्माण को लेकर प्रशासन को अवगत भी कराया गया था, किंतु प्रशासन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया और यह तालाब फूट गये। आरईएस विभाग सरदारपुर में कोरोना काल इसी प्रकार इसी विकासखंड के ग्राम चोटिया बालोद के झारखाडा वाला नाला निस्तार तालाब भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। महात्मा गांधी रोजगार योजना अंतर्गत निस्तार तालाब का हश्र भी मौलाना के छपरी वाला नाला की तरह ही हुआ जो पहली बारिश नहीं झेल सका। इसकी लागत भी 48.18 लाख रुपये बताई जा रही है।
उक्त तालाब का निर्माण तत्कालीन के मौजूद एसडीओ अजमेर सिंह डोडवे व सब इन्जीनियर राजेश पवैया व मुकेश अहिरवार के समय निर्माण का बताया जा रहा है , हालांकि इनमें से दोनों के तबादले हो चुके हैं। पूरे मामले को लेकर नवागत आरईएस एसडीओ राजेश पवार ने अतिवृष्टि से थोड़ा नुकसान होना बताकर बात से पल्ला झाड़ लिया एवं निरीक्षण कराकर रिपेयरिंग की बात कही है।