भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department) का सर्वे (Survey) रविवार को 66वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 19 अधिकारियों की टीम 40 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर जारी सर्वे के 66वें दिन एएसआई की टीम ने भोजशाला के भीतरी भाग में यज्ञ कुंड और गर्भगृह क्षेत्र में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन (जीपीआर) के माध्यम से सर्वे कार्य किया गया, जबकि उत्तरी भाग से खुदाई जारी रही। खुदाई में यहां तीन अवशेष मिले हैं। इसमें एक संगमरमर की खंडित मूर्ति भी है। हैदराबाद से जियोलाजिकल सर्वे आफ इंडिया के सात सदस्यों की टीम शनिवार को धार पहुंची थी। यह टीम जीपीआर के माध्यम से सर्वे कर रही है। गर्भगृह के बाद अब इस टीम का फोकस यज्ञ कुंड क्षेत्र है।
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि सर्वे कार्य मशीनों से शुरू हो चुका है। इसमें उत्तरी भाग में खुदाई के तहत टीम को तीन पाषाण अवशेष मिले हैं। एक पाषण साधारण है, जबकि दूसरे पर कोई आकृति है। तीसरा अवशेष संगमरमर की खंडित मूर्ति है। यह सनातनी मूर्ति हो सकती है। इसे टीम ने सुरक्षित कर लिया है। इसका विवरण तैयार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संगमरमर की इसी तरह की एक मूर्ति पूर्व में भी भोजशाला के भीतरी भाग से मिल चुकी है। वह भी खंडित थी।
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि पूरे परिसर में जीपीआर मशीन से सर्वे करने के लिए ब्लॉक बनाए गए थे, आज वहां सर्चिंग की गई और मशीनों में जो वेव्स सिग्नल मिल रहे थे, उनको एएसआई के अनुसार कम्प्यूटर में लोड किया गया। भोजशाला के उत्तरी भाग में लेबलिंग के नाम पर जो खुदाई की जा रही है, वहां तीन मोल्डिंग के पत्थर मिले हैं।
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