भोपाल (Bhopal)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला (historical Bhojshala of Dhar) में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग (Archaeological Survey of India (ASI) Department ) का सर्वे (Survey) शनिवार को 51वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 15 अधिकारियों की टीम 36 श्रमिकों के साथ सुबह साढ़े आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब साढ़े आठ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई के सर्वे के 51वें दिन टीम ने भीतरी व बाहरी परिसर में सर्वे किया। भीतरी परिसर में दक्षिण भाग में ट्रेंच में खोदाई जारी रही। इस ट्रेंच में कई सीढ़ीनुमा संरचनाएं मिली हैं, जिससे भीतरी भाग में तलघर होने की संभावना को बल मिला है। वहीं, बाहरी परिसर में उत्तर दिशा में खुदाई के दौरान एक प्राचीन भी सिक्का मिला हैं।
शनिवार को सर्वे के दौरान हिंदू फ्रंट फार जस्टिस की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं भोजशाला प्रकरण की याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री भी भोजशाला पहुंची थी। उन्होंने भोजशाला के भीतर जाकर सर्वे कार्य देखा। उन्होंने बताया कि जिस तरह से खुदाई में लगातार अवशेष, मूर्तियां व भग्नावशेष मिल रहे हैं, इससे इसमें कोई दो राय नहीं है कि यह स्थान महाराज भोज की बनाई हुई भोजशाला है। यह एक हिंदू मंदिर था और रहेगा।
याचिकाकर्ता रंजना अग्निहोत्री ने कहा कि एएसआई को अतिरिक्त समय मिला है। मेरे अनुभव के आधार पर ऐसा लगता है कि इस अतिरिक्त समय में भी सर्वे कार्य पूरा हो पाना संभव नहीं है। ऐसे में एएसआई को एक बार फिर से अतिरिक्त समय लेना पड़ सकता है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सर्वे भिन्न है क्योंकि यहां अयोध्या में हुए सर्वे जैसी गंभीरता नहीं है। जब अयोध्या में एएसआई की टीम ने सर्वे किया था तो वहां जब भी कोई वस्तु निकलती थी तो टीम उसे पारदर्शी तरीके से प्रस्तुत करती थी। यह टीम कुछ सुनती ही नहीं है। इनके सामने कुछ भी कहो तो यह कुछ नहीं सुनते।
वहीं, सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार एवं सहायक याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि शनिवार को सर्वे के काम में तेजी आई है। यहां गर्भगृह के सामने भीतरी परिसर के दक्षिण दिशा में बनी ट्रेंच के अंदर गहराई तक कई छोटी-बड़ी सीढ़ियां दिखाई दे रही हैं। हालांकि, इसके बारे में एएसआई टीम की फाइनल रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।
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